Milk Adultration: पैकेट वाला दूध असली या मिलावटी? घर बैठे इन आसान ट्रिक्स से करें पहचान
Milk Adulteration: आजकल ज्यादातर घरों में पैकेट वाला दूध आता है। इसमें मिलावट है या नहीं इसकी चुटकियों में पहचान की जा सकती है।
पैकेज्ड मिल्क की घर में जांच करने का तरीका।
Milk Adulteration: आज के समय में ज्यादातर लोग पैकेट वाला दूध ही इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इसे सुरक्षित और शुद्ध माना जाता है। लेकिन कई रिपोर्ट्स में यह बात सामने आ चुकी है कि पैकेट वाला दूध भी मिलावट से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं का सतर्क होना बेहद जरूरी हो गया है।
मिलावटी दूध सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। अच्छी बात यह है कि कुछ आसान घरेलू तरीकों से आप चुटकियों में पता लगा सकते हैं कि दूध शुद्ध है या नहीं। आइए जानते हैं दूध की जांच करने के तरीके और इनके फायदे।
दूध में मिलावट की पहचान के तरीके
उबालने का टेस्ट: दूध को उबालकर ठंडा करें। अगर ठंडा होने पर ऊपर मलाई की परत जमती है, तो दूध अपेक्षाकृत शुद्ध माना जाता है। अगर कोई परत न बने, तो समझ लें कि दूध में पानी या सिंथेटिक तत्व मिलाए गए हो सकते हैं।
हथेली पर गिराकर जांच: हथेली पर दूध की कुछ बूंदें गिराएं। शुद्ध दूध धीरे-धीरे बहता है और हल्की चिकनाहट छोड़ता है। अगर दूध बहुत तेजी से बह जाए और पानी जैसा लगे, तो उसमें पानी की मिलावट होने की आशंका होती है।
आयोडीन टेस्ट (स्टार्च की जांच): दूध में 2-3 बूंद आयोडीन डालें। अगर दूध का रंग नीला या बैंगनी हो जाए, तो उसमें स्टार्च की मिलावट है। शुद्ध दूध में आयोडीन डालने पर रंग में कोई बदलाव नहीं होता।
झाग बनने का टेस्ट: दूध को बोतल या गिलास में डालकर जोर से हिलाएं। अगर ज्यादा और देर तक रहने वाला झाग बने, तो दूध में डिटर्जेंट या सिंथेटिक तत्व हो सकते हैं। शुद्ध दूध में झाग जल्दी बैठ जाता है।
उंगली से चिपचिपाहट जांच: उंगलियों के बीच दूध की कुछ बूंदें रगड़ें। अगर उंगलियां जरूरत से ज्यादा चिपचिपी लगें, तो दूध में सिंथेटिक मिल्क या केमिकल की मिलावट हो सकती है। शुद्ध दूध हल्का और स्मूद महसूस होता है।
कागज पर सुखाकर टेस्ट: साफ कागज पर दूध की बूंद डालकर सूखने दें। अगर सूखने के बाद सफेद निशान रह जाए, तो दूध में मिलावट संभव है। शुद्ध दूध सूखने पर कोई खास निशान नहीं छोड़ता।
क्यों जरूरी है दूध की जांच?
मिलावटी दूध लंबे समय तक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी और बच्चों में ग्रोथ से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए रोज इस्तेमाल होने वाले दूध की शुद्धता जांचना बेहद जरूरी है।
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लेखक: (कीर्ति)