Parenting Tips: बच्चे की बात-बात पर जिद करने की आदत पड़ गई है? इन तरीकों से दूर होगी परेशानी
Parenting Tips: कई बच्चे उम्र बढ़ने के साथ जिद्दी हो जाते हैं। ये आदत आगे चलकर बड़ी परेशानी बन सकती है। कुछ तरीके इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
बच्चे की जिद करने की आदत छुड़ाने के टिप्स।
Parenting Tips: अक्सर माता-पिता के लिए सबसे मुश्किल वक्त तब आता है जब बच्चा बात-बात पर जिद करने लगता है कभी खिलौने के लिए, कभी मोबाइल के लिए या फिर किसी चीज़ को तुरंत पाने की चाह में। ऐसी स्थिति में कई बार पेरेंट्स गुस्से में आ जाते हैं या बच्चे को चुप कराने के लिए उसकी हर बात मान लेते हैं। लेकिन यही तरीका आगे चलकर बच्चे में जिद्दी स्वभाव को और बढ़ा देता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जिद बच्चों की सामान्य प्रवृत्ति है, लेकिन अगर इसे सही दिशा में न संभाला जाए तो यह भविष्य में व्यवहारिक समस्या बन सकती है। जरूरी है कि माता-पिता बच्चे की जिद को समझदारी से संभालें न बहुत सख्ती दिखाएं और न ही हर बार झुक जाएं।
5 तरीके बच्चे की जिद कम करेंगे
बच्चे की बात ध्यान से सुनें: अक्सर बच्चे इसलिए जिद करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बात कोई नहीं सुनता। अगर आप उनकी बात धैर्य से सुनेंगे, तो उन्हें लगेगा कि उनकी भावनाओं की कद्र हो रही है। इससे उनका गुस्सा कम होगा और जिद करने की प्रवृत्ति धीरे-धीरे घटेगी।
प्यार से समझाएं, डांटें नहीं: हर बार डांटने या चिल्लाने से बच्चे का व्यवहार और नकारात्मक हो जाता है। इसके बजाय प्यार से समझाने की कोशिश करें कि जो चीज वह मांग रहा है, वह क्यों सही या गलत है। जब आप शांत लहजे में बात करते हैं, तो बच्चा खुद भी शांत होकर बात सुनता है।
विकल्प देकर बात मानने को प्रेरित करें: अगर बच्चा किसी चीज़ पर अड़ जाता है, तो ना कहने के बजाय उसे विकल्प दें। इस तरह उसे लगेगा कि वह खुद फैसला ले रहा है, और उसका जिद्दी रिएक्शन कम होगा।
अच्छी आदत पर इनाम दें: जब बच्चा बिना जिद किए किसी बात को मान ले, तो उसकी तारीफ करें या उसे कोई छोटा इनाम दें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह खुद भी समझेगा कि अच्छे व्यवहार का फायदा होता है। पॉज़िटिव रिइनफोर्समेंट बच्चों को समझाने का सबसे असरदार तरीका है।
खुद मिसाल पेश करें: बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता से देखते हैं। अगर आप छोटी-छोटी बातों में गुस्सा करते हैं या अपनी जिद पर अड़े रहते हैं, तो बच्चा भी वैसा ही सीखेगा। इसलिए कोशिश करें कि आप धैर्यवान और समझदार बनें, ताकि बच्चा आपके व्यवहार से सही सीख ले सके।
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