यूपी के लाखों शिक्षकों उनके परिवारों की चिंता खत्म! दिवाली से पहले मिलेगा कैशलेस इलाज का लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि, प्रदेश के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ दिवाली मिलना शुरू हो जाए।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के लिए दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ जल्द ही मिलना शुरू हो जाएगा। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, जिससे दिवाली के पहले यह सुविधा
पात्र लोगों तक पहुंचे योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के शिक्षकों और कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने का वादा किया था। यह घोषणा शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि यह उन्हें अचानक आने वाली स्वास्थ्य आपात स्थितियों में वित्तीय बोझ से बचाएगी।
इस घोषणा के बाद से, विभिन्न सरकारी विभागों ने इस योजना को साकार करने के लिए आवश्यक डेटा और जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी पात्र कर्मचारियों की सटीक संख्या और इस योजना पर आने वाले कुल खर्च का आकलन किया जा सके।
वित्तीय आकलन और व्यय भार
सरकार अनुमान के अनुसार, इस कैशलेस चिकित्सा सुविधा पर प्रति कर्मचारी सालाना 2480 रुपए का खर्च आएगा। यह राशि सरकार द्वारा वहन की जाएगी, जिससे कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार का कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। इस योजना के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें हर पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
विभाग के अनुसार 2480 रुपए प्रति कर्मचारी के हिसाब से वार्षिक व्यय भार का आकलन करने और जल्द से जल्द इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
लाभार्थी और संभावित प्रभाव
राज्य सरकार के अनुसार, इस योजना से प्रदेश के सभी विभागों के लगभग 11 लाख से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को सीधा लाभ मिलेगा। यह संख्या काफी बड़ी है और यह योजना राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
कैशलेस इलाज की सुविधा का मतलब है कि कर्मचारी और उनके परिजन बिना किसी अग्रिम भुगतान के सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। इससे इलाज के लिए पैसे जुटाने की चिंता खत्म हो जाएगी और लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं पर बेहतर ध्यान दे पाएंगे। यह न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि उनके पूरे परिवार के लिए भी एक बड़ी राहत साबित होगी।
शिक्षक संगठनों की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार इस योजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं कुछ शिक्षक संगठनों ने इस योजना को लेकर अपनी मांगें रखी हैं। उन्होंने मांग की है कि कैशलेस चिकित्सा बीमा की वार्षिक राशि को 10 लाख रुपए तक बढ़ाया जाए।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि 2480 रुपए का वार्षिक खर्च पर्याप्त नहीं हो सकता है, खासकर गंभीर बीमारियों या लंबे समय तक चलने वाले इलाज के मामलों में। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्हें सम्मानजनक चिकित्सा सुरक्षा की उम्मीद है, जो कि 10 लाख रुपए की बीमा राशि से ही पूरी हो सकती है। सरकार ने अभी तक इस मांग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह निश्चित है कि इस मुद्दे पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी।
कार्य की दिशा में प्रगति
इस योजना को दिवाली से पहले लागू करने के लिए सभी संबंधित विभाग तेजी से काम कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों से भी कर्मचारियों की संख्या और अनुमानित खर्च का डेटा जुटाया जा रहा है।
सरकार का प्रयास है कि यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो जाए ताकि कर्मचारियों को दिवाली से पहले इस महत्वपूर्ण सुविधा का लाभ मिलना शुरू हो सके।