मिशन 2027 की तैयारी: आज से भाजपा की हर विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा शुरू, सीएम योगी के नेतृत्व में 'एकता मार्च'

सरदार पटेल जयंती के उपलक्ष्य में शुरू हुई यह 20 नवंबर तक चलने वाली यात्रा, ओबीसी वोट बैंक को साधने और हारी हुई सीटों पर जमीनी पकड़ मजबूत करने पर केंद्रित है।

Updated On 2025-11-10 09:15:00 IST

इस मार्च में प्रदेश पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल होकर जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज से राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों को मथने के लिए 'विधानसभा यूनिटी मार्च' का शंखनाद कर दिया है। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर शुरू हो रहा यह व्यापक अभियान 20 नवंबर तक चलेगा।

इस पदयात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी समेत सभी प्रमुख पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि नेतृत्व करेंगे, जिसका उद्देश्य न केवल राजनीतिक पैठ बढ़ाना है, बल्कि सामाजिक समीकरणों को भी साधना है।

403 विधानसभाओं में 8 किलोमीटर का जनसंपर्क अभियान

भाजपा ने इस 'यूनिटी मार्च' के लिए एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की है। यह अभियान प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चलाया जाएगा, जिसमें हर एक क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी लगभग आठ किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे।

यह यात्रा 'एक भारत', 'श्रेष्ठ भारत' और 'आत्मनिर्भर भारत' की तख्तियां लेकर आगे बढ़ेगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य लौह पुरुष सरदार पटेल के राष्ट्र निर्माण और एकता के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है।

इस पदयात्रा के दौरान कई जगहों पर जनसंपर्क कार्यक्रम होंगे और समापन पर छोटी-बड़ी सभाएं भी आयोजित की जाएंगी, ताकि सीधे जनता से संवाद स्थापित किया जा सके।

ओबीसी वोट बैंक को साधने की बड़ी रणनीति

इस पदयात्रा को 2024 के लोकसभा चुनाव में छिटके हुए ओबीसी वोट बैंक को वापस पार्टी से जोड़ने की एक बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के ओबीसी वोट बैंक, खासकर कुर्मी, पासी और कुशवाहा वोटरों में सेंधमारी हुई थी। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को केंद्र में रखकर यह अभियान शुरू किया गया है, क्योंकि कुर्मी समुदाय में पटेल एक बड़ा नाम है।

पदयात्राओं के रूट में कुर्मी बाहुल्य क्षेत्रों को प्राथमिकता से शामिल किया जा रहा है, और इस समुदाय के कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी और अभियान की समीक्षा

इस महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाने के लिए पार्टी का उच्च नेतृत्व लगातार सक्रिय है। इस मार्च में प्रदेश पदाधिकारी, सांसद, विधायक, और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होकर जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। दिल्ली में भी केंद्रीय नेतृत्व, जिसमें राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल शामिल हैं, वर्चुअल माध्यम से अभियान पर नजर बनाए हुए है।

हारी हुई सीटों पर विशेष फोकस और संगठन का विस्तार

यह पदयात्रा केवल जीती हुई सीटों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर भी पार्टी की पैठ बनाने का काम करेगी। हारी हुई सीटों को मजबूत करने के लिए संगठन स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जा रहा है, ताकि 2027 में 'विजय हैट्रिक' लगाने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।

इसके अलावा, जिला अध्यक्षों के निर्वाचन में भी जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा गया है, जिसमें ओबीसी, अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।

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