दक्षिण की 'लेडी सुपरस्टार' विजयशांति: अभिनय, एक्शन और राजनीति का दमदार चेहरा
साउथ सिनेमा की दमदार अदाकारा विजयशांति ने अपनी अभिनय प्रतिभा से 'लेडी सुपरस्टार' और 'लेडी अमिताभ' जैसी उपाधियां हासिल कीं। फिल्मों से लेकर राजनीति तक, जानिए उनके संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी।
एक्ट्रेस विजयशांति
Vijayashanti: दक्षिण भारतीय सिनेमा में 'लेडी सुपरस्टार' और 'लेडी अमिताभ' जैसी उपाधियां पाना आसान नहीं होता, लेकिन विजयशांति ने अपने दमदार अभिनय, निडर किरदारों और जबरदस्त एक्शन से यह मुकाम हासिल किया। 80 और 90 के दशक में जब महिला किरदारों को सीमित दायरे में दिखाया जाता था, तब विजयशांति ने मजबूत और सशक्त भूमिकाएं निभाकर सिनेमा की परिभाषा ही बदल दी।
1990 में रिलीज हुई फिल्म 'कर्तव्यम' में एक बहादुर पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाकर उन्होंने दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। इस किरदार के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया।
कम उम्र में करियर की शुरुआत
महज 14 साल की उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली विजयशांति ने 1980 में तमिल फिल्म 'कल्लुकूल इरम' से शुरुआत की, और उसी साल तेलुगू फिल्म 'खिलाड़ी कृष्णाडू' से तेलुगू सिनेमा में डेब्यू किया।
सुपरस्टार्स के साथ किया काम
चिरंजीवी के साथ 19 फिल्में, बालकृष्ण के साथ 16 फिल्में, रजनीकांत के साथ ‘मन्नान’, कमल हासन के साथ ‘इंद्राडु चंद्राडु’, अनिल कपूर के साथ ‘ईश्वर’ (हिंदी डेब्यू)
प्रमुख फिल्में:
चैलेंज, कॉन्डाविती डोंगा, गैंग लीडर, यामुडिकी मोगुडु, मुदुला मावाया, जैसी हिट फिल्मों में वह अपने एक्शन और डायलॉग डिलीवरी के लिए आज भी याद की जाती हैं।
राजनीतिक सफर:
1998 में विजयशांति ने राजनीति में कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी से जुड़ीं।
बाद में उन्होंने अपना दल 'ताली तेलंगाना' बनाया, जिसे टीआरएस में विलय किया गया।
2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और लोकसभा चुनाव लड़ा।
2020 में उन्होंने फिर से बीजेपी में वापसी की।
विजयशांति: सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, एक आइकन
अमिताभ बच्चन की तरह विजयशांति भी हर किरदार को जीवंत करती थीं—चाहे वो गुस्से से भरा सीन हो या दर्द से जुड़ा कोई मोमेंट। उनकी फिल्में और संवाद आज भी दर्शकों के बीच गूंजते हैं। उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषाओं में काम कर के बहुभाषी सुपरस्टार का दर्जा प्राप्त किया।