Prajakta Koli: नेपाल हिंसा से दुखी प्राजक्ता कोली ने किया ट्रिप कैंसिल, की शांति की अपील
नेपाल में बढ़ती हिंसा से प्रभावित प्राजक्ता कोली ने अपनी ट्रिप कैंसिल की और इंस्टाग्राम पर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
नेपाल हिंसा के चलते प्राजक्ता कोली ने की नेपाल ट्रिप कैंसिल
Prajakta Koli: यूट्यूबर से अभिनेत्री बनी प्राजक्ता कोली ने नेपाल में बढ़ती हिंसा और अशांति के चलते अपना नेपाल ट्रिप कैंसिल कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। आइए जानते हैं कि एक्ट्रेस ने पोस्ट में क्या संदेश दिया।
मंगलवार को एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पर एक नोट साझा कर लिखा, "नेपाल में कल जो हुआ वह दिल दहला देने वाला है। ऐसे समय में किसी भी तरह का जश्न अनुचित लगता है।"
प्राजक्ता ने आगे लिखा कि उनकी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने इस हिंसा में कष्ट सहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही स्थिति सामान्य होने पर वह वहां जाकर लोगों से मिल सकेंगी।
नेपाल में हालात
बता दें कि नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। इस हिंसा में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हुए।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विरोध के बीच इस्तीफा दे दिया। हालात बिगड़ने के कारण नेपाल सेना को देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी।
प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय और राजनीतिक नेताओं के घरों में आग लगाई, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री झालनाथ खनल की पत्नी की भी दुखद मौत हो गई।
मनीषा कोइराला ने भी जताई चिंता
नेपाल की मूल निवासी और बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने खून से लथपथ जूते की तस्वीर शेयर करते हुए इसे नेपाल के लिए 'काला दिन' करार दिया। उन्होंने लिखा कि लोगों की आवाज़ को गोलियों से दबाना मानवाधिकारों और लोकतंत्र के लिए गंभीर चेतावनी है।
पीएम मोदी ने की शांति की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर नेपाल में हुई हिंसा पर शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि नेपाल की स्थिरता और शांति हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और सभी भाइयों और बहनों से संयम और संवाद के माध्यम से समाधान की अपील की।
प्राजक्ता और मनीषा का संदेश
इस घटना ने बॉलीवुड सेलेब्स को भी व्यथित किया। प्राजक्ता कोली और मनीषा कोइराला ने दोनों ही स्पष्ट किया कि अशांति के बीच किसी तरह का जश्न या मनोरंजन अनुचित है। उनका संदेश यही है कि इस समय संवेदनशीलता, सहानुभूति, और शांतिपूर्ण संवाद को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
– काजल सोम