Manoj Kumar: हरिकिशन गोस्वामी से भारत कुमार तक... जानें सुपरस्टार मनोज कुमार के करियर की पूरी कहानी

Manoj Kumar: सुपरस्टार मनोज कुमार का शुक्रवार, 3 अप्रैल को 87 साल की उम्र में निधन हो गया। इस मौके पर जानते हैं उनके हरिकिशन गोस्वामी से मनोज कुमार बनने तक के दिलचस्प सफर के बारे में।

By :  Desk
Updated On 2025-04-04 12:55:00 IST
मनोज कुमार के करियर की पूरी कहानी

Manoj Kumar: सुपरस्टार मनोज कुमार का शुक्रवार, 4 अप्रैल को 87 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी मौत से पूरा देश शोक में है। उनकी फिल्मों ने करोड़ों लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाने का काम किया। आइए जानते हैं एक साधारण लड़के का हरिकिशन गोस्वामी से मनोज कुमार और फिर भारत कुमार बनने तक के दिलचस्प सफर के बारे में।

मनोज कुमार का फिल्मी करियर शुरू होता है साल 1956 से, जब वह 19 साल की उम्र में दिल्ली से मुंबई हीरो बनने का सपना लेकर आए। तब उनका नाम हरिकिशन गोस्वामी था। साल 1957 में आई फिल्म फ़ैशन उनकी पहली फिल्म थी, जिसमें उन्होंने एक बूढ़े भिखारी का छोटा सा किरदार निभाया था। इसके बाद उन्हें मीना कुमारी जैसे बड़े नाम के साथ कुछ सीन करने का मौका भी मिला।

साल 1961 में पहली बार बने हीरो 
लेकिन साल 1961 में आई फिल्म 'कांच की गुड़िया' में उन्होंने बतौर एक्टर काम किया। उनकी सादगी और ईमानदारी से फिल्म इंडस्ट्री और लोगों के बीच उनकी अलग छवि बननी शुरू हो गई। इसके बाद साल 1962 में लगातार 4 फिल्मों ने उनके फिल्मी करियर को नई उड़ान दी। मनोज कुमार भगत सिंह से काफी प्रभावित थे और इसका असर उनकी कई फिल्मों में देखने को मिला। उन्होंने अपनी फिल्में शहीद, क्रांति, पूरब और पश्चिम से अपने देश के प्रति अपने प्रेम को पर्दे पर बखूबी उतारा।

मनोज कुमार की जीवन से जुड़े दिलचस्प किस्से

  1. एक बार दिल्ली में जब फिल्म की स्क्रीनिंग हुई, तो प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री खुद आए थे। जहां शास्त्री जी ने मनोज कुमार से कहा था कि मेरा एक नारा है – जय जवान, जय किसान। इस पर फिल्म बनाओ।
  2. मनोज कुमार के बारे में कहा जाता है कि एक बार जब वे ट्रेन से मुंबई लौट रहे थे, तो कलम और डायरी उनके साथ थी और मुंबई सेंट्रल स्टेशन तक आते-आते उन्होंने फिल्म 'उपकार' की कहानी तैयार कर दी थी।
  3. मनोज कुमार ने साल 1975 में इंदिरा गांधी के इमरजेंसी लगाए जाने पर खुलकर सरकार का विरोध किया था। कहा जाता है कि उस वक्त की मौजूदा सरकार ने उनसे एक डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए कहा था, लेकिन अभिनेता ने साफ इंकार कर दिया। जिसके कारण उनकी साल 1976 में आई फिल्म 'दस नंबरी' पर रोक लगा दी गई थी।
  4. उनकी फिल्मों की तारीफ के साथ-साथ सवाल भी उठते रहे हैं। उनकी फिल्मों में भारतीय संस्कृति की तुलना में पश्चिमी संस्कृति को दिखाने जैसे लड़कियों का सिगरेट पीना और छोटे कपड़े पहनने को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं।

नाम के पीछे छिपी है दिलचस्प कहानी
हरिकिशन से मनोज कुमार बनने का किस्सा बड़ा ही दिलचस्प है। दरअसल, अभिनेता ने दिलीप कुमार से प्रभावित होकर अपना नाम मनोज कुमार रख लिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि बचपन में उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म 'शबनम' देखी थी, जिसमें दिलीप कुमार का नाम मनोज कुमार था। बस इसी से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रख लिया।

लेकिन भारत कुमार उन्हें देश की जनता ने बना दिया। दरअसल, मनोज कुमार ने देशभक्ति पर एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में कीं, जिन्होंने न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना भी जगाई। जिसके कारण उन्हें भारत कुमार के नाम से पुकारा गया।

पद्मश्री से सम्मानित हैं मनोज कुमार
मनोज कुमार ने अपने करियर में 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड, पद्मश्री और दादा साहेब फाल्के जैसे खिताब अपने नाम किए। इनमें से 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड 1968 में अपने नाम किए थे। वहीं, साल 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अभिनेता को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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