सैफ अली खान को बड़ा झटका!: भोपाल की ₹15,000 करोड़ की पुश्तैनी संपत्ति पर आया हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए
भोपाल की करीब 15,000 करोड़ रुपए की पुश्तैनी संपत्ति पर सैफ अली खान और उनके परिवार का दावा कमजोर पड़ गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इन संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' घोषित करते हुए पहले के फैसले को रद्द कर दिया है, जिससे अब यह मामला फिर से ट्रायल कोर्ट में सुना जाएगा।
सैफ अली खान- पुश्तैनी संपत्ति विवाद
Saif Ali Khan Bhopal Property: बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार को भोपाल की शाही विरासत से जुड़ी संपत्तियों को लेकर बड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें सैफ अली खान, उनकी बहनें सोहा अली खान और सबा अली खान, और मां शर्मिला टैगोर को शाही परिवार की संपत्ति का वारिस माना गया था।
अब हाईकोर्ट ने मामले की फिर से सुनवाई का आदेश दिया है, और ट्रायल कोर्ट को एक साल में सुनवाई पूरी करने को कहा है। यह फैसला भोपाल की शाही संपत्ति के वारिसों के दावे और नवाब हमीदुल्ला खान की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति के बंटवारे को लेकर आया है।
क्या है पूरा मामला?
भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की मृत्यु 1960 में हुई थी। उनकी तीन बेटियां थीं – जिनमें से एक, आबिदा सुल्तान, विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं। बाकी दो बेटियों में से एक साजिदा सुल्तान भारत में ही रहीं, जिनके पोते सैफ अली खान हैं।
इससे पहले अदालत ने संपत्ति का उत्तराधिकार साजिदा सुल्तान को दिया था, लेकिन अब नवाब के अन्य उत्तराधिकारियों ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 के आधार पर संपत्ति के फिर से बंटवारे की मांग की है।
15,000 करोड़ की संपत्ति घोषित हुई 'शत्रु संपत्ति'
सैफ के लिए कानूनी परेशानी तब और बढ़ गई जब भारत सरकार ने 2014 में एक नोटिस जारी कर पटौदी परिवार की भोपाल स्थित संपत्तियों को शत्रु संपत्ति अधिनियम (Enemy Property Act) के तहत दर्ज कर लिया।
सरकार का तर्क है कि चूंकि आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गई थीं, इसलिए उनके नाम की संपत्ति अब भारत सरकार के अधीन आती है। इस अधिनियम के तहत, उन लोगों की संपत्ति को जब्त किया जाता है जो विभाजन के बाद पाकिस्तान या चीन चले गए।
किन संपत्तियों पर है विवाद?
सरकारी कब्जे में ली गई प्रमुख संपत्तियों में शामिल हैं:
सैफ का बचपन का घर फ्लैग स्टाफ हाउस
नूर-उस-सबह पैलेस
दार-उस-सलाम
हबीबी बंगला
अहमदाबाद पैलेस
कोहेफिज़ा संपत्ति आदि
सैफ ने 2015 में इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी। हालांकि, 13 दिसंबर 2024 को यह रोक हटा ली गई। इसके बाद कोर्ट ने सैफ और उनके परिवार को 30 दिनों में अपना दावा पेश करने को कहा, लेकिन कोई औपचारिक दावा दर्ज नहीं किया गया।