Celebrate Cinema 2025: किसी की मुस्कुराहटों...गौतम अडानी ने राज कपूर के सिनेमा से दी नई पीढ़ी को प्रेरणा

मुंबई के व्हिसलिंग वुड्स में आयोजित ‘सेलिब्रेट सिनेमा 2025’ में गौतम अडानी ने राज कपूर के सिनेमा के जरिए भारत के विकास और सांस्कृतिक शक्ति पर विचार साझा किए। कार्तिक आर्यन, राजकुमार हिरानी और सुभाष घई ने सत्र को बनाया यादगार।

Updated On 2025-10-10 20:16:00 IST

Gautam Adani

Celebrate Cinema 2025: मुंबई के व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल में आयोजित ‘सेलिब्रेट सिनेमा 2025’ फेस्टिवल में अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने शुक्रवार को कहा, “अगर हम यह नहीं बताएंगे कि हम कौन हैं, तो दूसरे लोग हमें फिर से लिख देंगे।” उन्होंने भारत से सिनेमा, कहानी कहने और उभरती तकनीकों के माध्यम से अपनी वैश्विक कहानी की बागडोर संभालने का आह्वान किया।

अडानी ने जोर देकर कहा कि भारत को विदेशी आवाजों को अपनी पहचान परिभाषित करने की अनुमति देना बंद करना चाहिए। उन्होंने ‘गांधी’ और ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा, “चुप्पी विनम्रता नहीं, बल्कि समर्पण है।” ये फिल्में दर्शाती हैं कि भारत की कहानियों को अक्सर पश्चिमी नजरिए से प्रस्तुत किया गया है।

उन्होंने राज कपूर की फिल्म ‘अनाड़ी’ के गीत ‘किसी की मुस्कुराहटों’ को याद करते हुए कहा कि यह गीत केवल एक गाना नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है, जो मानवीय मूल्यों और आशावाद को दर्शाता है।

गौतम अडानी ने राज कपूर को भारतीय संस्कृति का सच्चा प्रतिनिधि बताया, जिनके सिनेमा ने सामाजिक संदेशों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया, जब एक छोटे से गांव से निकला बच्चा सपनों के साथ मुंबई पहुंचा और अपनी मेहनत से सफलता की नई कहानी लिखी।

अडानी ने कहा, “मैंने फिल्मों से सीखा कि डरना नहीं, भागना नहीं, मंजिल दूर हो तो भी रास्ता नहीं बदलना।” उन्होंने हजारों सिनेमा स्टूडेंट्स को प्रेरित करते हुए कहा कि सिनेमा एक शक्तिशाली माध्यम है, जो भारत की रचनात्मकता को वैश्विक मंच पर स्थापित कर सकता है।

इस सत्र में अभिनेता जैकी श्रॉफ, कार्तिक आर्यन, मशहूर फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी, प्रोड्यूसर महावीर जैन और व्हिसलिंग वुड्स के संस्थापक सुभाष घई भी मौजूद थे। इन हस्तियों ने सत्र को और भी प्रेरणादायक बनाया। अडानी ने युवाओं और क्रिएटिव इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सिनेमा न केवल मनोरंजन है, बल्कि यह समाज को बदलने और प्रेरित करने की ताकत रखता है। इस आयोजन ने सिनेमा के महत्व और भारत की सांस्कृतिक शक्ति को रेखांकित किया।

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