Adnan Sami: पाकिस्तान ने रोका था अदनान सामी का वीजा; बोले 'मां मर गई, उनका जनाजा वीडियो कॉल पर देखा'
अदनान सामी ने अपनी मां की मौत पर एक दुखद किस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि भारत से अनुमति मिलने के बावजूद पाकिस्तान ने उन्हें वीजा नहीं दिया जिसके चलते वह मां के जनाजे में शामिल नहीं हो सके।
अदनान सामी
Adnan Sami: फेमस सिंगर और म्यूजिक कंपोजर आदनान सामी अपने सोशल मीडिया पोस्ट के लिए काफी चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की खूब चुटकी ली थी। अब उन्होंने एक पर्सनल ट्रेजेडी का दिल दहला देने वाला खुलासा किया है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने उन्हें उनकी मां के जनाजे में शामिल होने के लिए वीजा नहीं दिया। सिंगर ने मां की मौत के बाद आखिरी बार उन्हें वॉट्सऐप वीडियो पर देखा।
अदनानी सामी को नहीं जाने दिया पाकिस्तान
अदनान सामी ने 2016 में पाकिस्तानी नागरिकता छोड़ भारतीय नागरिकता पाई थी। उनकी मां नूरीन सामी खान का देहांत 2024 में हुआ था। सिंगर ने उस पल को यादकर कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों से अनुरोध किया कि वह अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते हैं। भारत सरकार ने बिना किसी आपत्ति के अनुमति दे दी।
उन्होंने कहा, "मैंने यहां की सरकार से पूछा कि मैं जाना चाहता हूं, आपको कोई आपत्ति तो नहीं? उन्होंने कहा, 'जाहिर है, आपकी मां का इंतकाल हुआ है, आपको जरूर जाना चाहिए।' उनकी तरफ से कोई परेशानी नहीं थी।”
पाकिस्तान सरकार ने वीजा देने से किया इनकार
हालांकि जब उन्होंने पाकिस्तान सरकार से वीजा के लिए आवेदन किया तो उनका अनुरोध ठुकरा दिया गया। आदनान भावुक होते हुए बोले, "मैंने वीजा के लिए अप्लाई किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मैंने कहा, ‘मेरी मां का इंतकाल हुआ है’। फिर भी उन्होंने मना कर दिया। मैं नहीं जा सका। मैंने उनका पूरा जनाजा वॉट्सऐप वीडियो पर देखा।”
'मां की मौत ने झकझोरा'
आदानान ने बताया कि उनकी मां किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थीं और उनका निधन पूरे परिवार के लिए चौंकाने वाला था। उन्होंने इस पूरी घटना को अब तक की अपनी जिंदगी का सबसे दर्दनाक अनुभव बताया।
आदनान सामी के बारे में
'कभी तो नजर मिलाओ', 'तेरा चेहरा' और 'भर दो झोली' जैसे मशहूर गीतों के लिए जाने जाने वाले आदनान सामी पहली बार 13 मार्च 2001 को भारत आए थे। उन्होंने विजिटर वीजा पर भारत में रहना शुरू किया, जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया। उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट 2015 में समाप्त हो गया था और पाकिस्तान सरकार ने इसे रिन्यू करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने भारत सरकार से नागरिकता की अपील की, जो 2016 में स्वीकार कर ली गई।