MP Medical Education: सरकारी कॉलेजों में 354 नए सीनियर रेजिडेंट पदों पर होगी भर्ती
यह पहली बार है जब नॉन-क्लीनिकल और पैरा-क्लीनिकल विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी) में भी सीनियर रेजिडेंट की नियुक्तियां होंगी।
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MP Medical Education: मध्यप्रदेश सरकार ने मेडिकल एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 13 ऑटोनॉमस मेडिकल कॉलेजों में नॉन-क्लीनिकल और पैरा-क्लीनिकल विषयों के लिए 354 नए सीनियर रेजिडेंट पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इंदौर मेडिकल कॉलेज में पहले से मौजूद 6 पदों को मिलाकर अब कुल 360 सीनियर रेजिडेंट पद हो गए हैं।
यह पहली बार है जब नॉन-क्लीनिकल और पैरा-क्लीनिकल विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी) में भी सीनियर रेजिडेंट की नियुक्तियां होंगी। इससे न केवल फैकल्टी की कमी दूर होगी बल्कि छात्रों को बेहतर गाइडेंस और क्वालिटी ट्रेनिंग भी मिल सकेगी।
नए पदों का वितरण भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया और छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा। सरकार पर इस फैसले से सालाना ₹37.47 करोड़ का वित्तीय बोझ आएगा, लेकिन इसे भविष्य के लिए एक बड़ा निवेश माना जा रहा है।
छात्रों और नागरिकों को मिलेगा डबल फायदा
मेडिकल छात्रों के लिए: अब सीनियर रेजिडेंटशिप के लिए बाहर राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी। इससे उन्हें अपने ही राज्य में क्वालिटी ट्रेनिंग और करियर ग्रोथ के बेहतर अवसर मिलेंगे।
आम नागरिकों के लिए: जब मेडिकल कॉलेजों में योग्य फैकल्टी उपलब्ध होगी तो अस्पतालों की सेवाओं की क्वालिटी सीधे तौर पर बेहतर होगी। मरीजों को समय पर जांच, सटीक रिपोर्ट और एक्सपर्ट डॉक्टरों का इलाज मिल सकेगा।