WPI Inflation: आम लोगों को बड़ी राहत, अक्टूबर में थोक महंगाई दर घटकर -1.21% पर पहुंची, क्या RBI घटाएगा ब्याज दर
अक्टूबर में थोक महंगाई गिरकर -1.21% पर पहुंच गई। बड़ी गिरावट खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से आई। दाल, सब्जियों, प्याज-आलू समेत कई जरूरी चीजों में भारी डिफ्लेशन देखने को मिला है।
थोक महंगाई दर में बड़ी कमी आई है।
WPI Inflation: देश में थोक महंगाई ने अक्टूबर में बड़ी गिरावट दर्ज की। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में थोक महंगाई दर घटकर -1.21% पर आ गई। इससे पहले सितंबर में यह 0.13% थी जबकि पिछले साल अक्टूबर में ये 2.75% के स्तर पर था।
महंगाई में यह तेज गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, ईंधन और मैन्युफैक्चर्ड सामानों के दाम कम होने से हुई। उद्योग मंत्रालय ने कहा कि खाद्य वस्तुओं के साथ-साथ कच्चे तेल, नेचुरल गैस, बिजली और बेसिक मेटल्स के दामों में कमी ने कुल WPI को नीचे धकेला।
खाद्य वस्तुओं में जबरदस्त डिफ्लेशन
थोक महंगाई दर डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं में डिफ्लेशन 8.31% रहा, जो सितंबर के 5.22% की तुलना में काफी अधिक है। इसका मतलब है कि इस अवधि में कई खाद्य उत्पादों के दाम पिछले साल की तुलना में काफी कम हो गए। सब्जियों में डिफ्लेशन 34.97% तक पहुंच गया, जबकि सितंबर में यह 24.41% था।
प्याज के दाम में 65.43% की गिरावट आई है, आलू में करीब 40 फीसदी और दालों में 16.50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यह डेटा बताता है कि घरेलू बाजार में कई जरूरी चीजें सस्ती हुई हैं, जिससे आम लोगों को राहत मिली है।
ईंधन की कीमतें भी घटीं
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में महंगाई घटकर 1.54% पर आ गई, जो सितंबर में 2.33% थी। ईंधन और बिजली में भी -2.55% का डिफ्लेशन रहा।
GST कट के असर दिखने लगे
22 सितंबर से लागू हुए GST रेट कट का असर भी अब साफ दिखने लगा है। सरकार ने कई रोजाना इस्तेमाल वाली चीजों पर GST घटाकर टैक्स स्ट्रक्चर को सिर्फ 5% और 18% की दो स्लैब में कर दिया था। इससे बाजार में वस्तुओं के दाम नीचे आए और महंगाई के आंकड़े नरम हुए।
RBI पर दरें घटाने का दबाव बढ़ा
रिटेल महंगाई भी अक्टूबर में ऐतिहासिक रूप से गिरकर 0.25% पर आ गई थी। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि आरबीआई आगामी मौद्रिक नीति बैठक (3-5 दिसंबर) में ब्याज दरों को कम करने पर विचार कर सकता है। थोक और खुदरा, दोनों स्तरों पर महंगाई का ठंडा होना अर्थव्यवस्था के लिए राहत भरी खबर है और इससे आगे बाजार में मांग बढ़ने की संभावना भी मजबूत होती है।
(प्रियंका कुमारी)