शेयर बाजार में गिरावट: सेंसेक्स दिन के डे हाई से 350 अंक टूटा, निफ्टी 25815 पर हुआ बंद; क्यों गिरावट आई
Stock market today: कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स 350 अंक टूटा जबकि निफ्टी भी एक समय 25800 के नीचे आ गया था। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बाजार पर दबाव आया है।
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Stock market today: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को दबाव में नजर आया। कमजोर वैश्विक संकेतों और चुनिंदा सेक्टरों में बिकवाली के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान बाजार ने ऊपरी स्तर छुए लेकिन बाद में मुनाफावसूली हावी हो गई और इंडेक्स लाल निशान में फिसल गए।
दोपहर 3 बजे के करीब सेंसेक्स दिन के हाई से करीब 350 अंक टूटकर 84,415 पर आ गया था। हालांकि, बाद में थोड़ी रिकवरी हुई और क्लोजिंग 84,481.81 पर हुई। वहीं निफ्टी भी फिसलकर 25,790 के स्तर पर कारोबार करता दिखा था। हालांकि, निफ्टी ने भी क्लोजिंग 25800 के ऊपर दी। बाजार की चाल से साफ था कि निवेशक फिलहाल जोखिम लेने से बच रहे हैं और सतर्क रुख अपना रहे।
क्यों बाजार में आई गिरावट?
गिरावट की सबसे बड़ी वजह कमजोर ग्लोबल संकेत रहे। एशियाई बाजारों में ज्यादातर जगहों पर गिरावट देखने को मिली। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग लाल निशान में रहे। हालांकि चीन का शंघाई एसएसई कंपोजिट मामूली बढ़त के साथ कारोबार करता दिखा। अमेरिकी बाजारों से भी खास सपोर्ट नहीं मिला।
बुधवार को वॉल स्ट्रीट पर टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिली, जिससे वहां के इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए।
ऑटो सेक्टर में बिकवाली का दबाव दिखा
घरेलू बाजार पर इसका असर साफ दिखा। निवेशकों ने चुनिंदा सेक्टरों में मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया। खासकर ऑटो सेक्टर में बिकवाली का दबाव देखने को मिला। ऑटो शेयरों में 2 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई, जिसने बाजार के मूड को और कमजोर किया। हालिया तेजी के बाद निवेशक इस सेक्टर में मुनाफावसूली करते नजर आए।
एक और अहम वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.65 फीसदी चढ़कर 60.07 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत जैसे तेल आयात करने वाले देश के लिए कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हमेशा चिंता का कारण बनती हैं। इससे महंगाई बढ़ने का डर रहता है और कंपनियों की इनपुट कॉस्ट पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि कच्चे तेल में तेजी आते ही शेयर बाजार पर दबाव बढ़ जाता है।
बाजार जानकारों का मानना है कि फिलहाल वैश्विक संकेतों और कमोडिटी की चाल पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। अमेरिका और एशिया से आने वाले संकेत, कच्चे तेल की कीमतें और चुनिंदा सेक्टरों में मुनाफावसूली आगे भी बाजार की दिशा तय करेंगे। जब तक वैश्विक स्तर पर स्थिरता नहीं दिखती, तब तक घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
कुल मिलाकर, गुरुवार का कारोबार सावधानी भरा रहा। ऊपरी स्तरों पर बिकवाली और कमजोर ग्लोबल माहौल के बीच निवेशक फिलहाल रुक-रुक कर कदम रख रहे।
(प्रियंका कुमारी)