म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ी राहत: SEBI ने नियमों में बड़ा बदलाव किया, फीस सिस्टम पूरी तरह बदला

SEBI board mutual fund decisions: सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए TER सिस्टम को पारदर्शी बनाया। अब टैक्स और सरकारी शुल्क TER में शामिल नहीं होंगे, ब्रोकरेज की सीमा भी घटी है। नए नियम निवेशकों का खर्च कम करेंगे और समझ को आसान बनाएंगे।

Updated On 2025-12-17 18:57:00 IST

सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए TER सिस्टम को पारदर्शी बनाया।

SEBI board mutual fund decisions: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को म्यूचुअल फंड नियमों में बड़ा और व्यापक बदलाव मंजूर कर दिया। इसका मकसद निवेशकों पर पड़ने वाले खर्च को कम करना, फीस को ज्यादा पारदर्शी बनाना और पुराने नियमों को सरल करना है। इसके तहत सेबी (म्यूचुअल फंड रेगुलेशन, 2026 को मंजूरी दे दी गई है, जो 1996 के पुराने नियमों की जगह लेंगे।

सेबी ने टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) की परिभाषा ही बदल दी। अब सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स, जीएसटी, स्टांप ड्यूटी, कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स, सेबी और एक्सचेंज फीस जैसे वैधानिक शुल्क टोटल एक्सपेंस रेशियो में शामिल नहीं होंगे। ये सभी खर्च असल लागत के आधार पर, बेस एक्सपेंस रेशियो के ऊफर अलग से चार्ज किए जाएंगे। इससे निवेशकों को यह साफ दिखेगा कि फंड मैनेजमेंट पर कितना खर्च हो रहा।

ब्रोकरेज और कमीशन पर सख्त लगाम

सेबी ने ब्रोकरेज खर्च की सीमा भी घटाई है। पहले इक्विटी कैश सेगमेंट में फंड मैनेजर 12 बेसिस पॉइंट तक ब्रोकरेज देते थे। अब इसे घटाकर 6 बेसिस पॉइंट कर दिया गया है, वह भी टैक्स के अलावा। डेरिवेटिव डील्स में ब्रोकरेज की सीमा अब 2 बेसिस पॉइंट होगी, जो पहले ज्यादा थी। इसके साथ ही, एग्जिट लोड से जुड़ा अतिरिक्त 5 बेसिस पॉइंट खर्च पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।

कुछ स्कीम्स में खर्च की सीमा और घटी

सेबी ने कई स्कीम्स के लिए बेस एक्सपेंस रेशियो की ऊपरी सीमा भी कम की है। इंडेक्स फंड और ईटीएफ के लिए BER 1% से घटाकर 0.9% किया गया। लिक्विड स्कीम आधारित फंड ऑफ फंड्स के लिए भी 0.9% और क्लोज्ड-एंडेड इक्विटी स्कीम्स के लिए 1% (पहले 1.25%) किया गया।

नियम छोटे, आसान और डिजिटल होंगे

सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने बताया कि नए नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। नियमों की लंबाई करीब 44% घटाई गई है और शब्दों की संख्या लगभग 54% कम की गई है। रिपोर्टिंग को आसान किया गया है, डुप्लिकेट फाइलिंग हटाई गई है और डिजिटल-फर्स्ट डिस्क्लोजर सिस्टम अपनाया गया है।

ETF और इंडेक्स फंड्स को उधार की अनुमति

एक अहम बदलाव यह भी है कि अब इक्विटी इंडेक्स फंड और ईटीएफ को लेनदेन और रिडेम्पशन के समय आने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए सीमित उधारी की अनुमति दी गई है। यह इंडस्ट्री की लंबे समय से चली आ रही मांग थी।

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

सेबी ने अक्टूबर 2024 में कंसल्टेशन पेपर जारी कर कहा था कि मौजूदा TER सिस्टम में असली खर्च छुप जाता है और निवेशकों को सही तस्वीर नहीं दिखती। नए नियम इसी कमी को दूर करने के लिए लाए गए हैं।

(प्रियंका कुमारी)

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