PF Account: पीएफ अकाउंट कब होता है डिएक्टिवेट? जानें दोबारा एक्टिव करने का आसान तरीका
PF Account: पीएफ अकाउंट कर्मचारी के लिए एक बेहद अहम खाता होता है। आखिर ये अकाउंट डिएक्टिवेट क्यों होता है और इसे दोबारा कैसे एक्टिव किया जा सकता है। जानते हैं इसके बारे में...
पीएफ अकाउंट रिएक्टिवेट करने की प्रोसेस।

PF Account: EPF यानी कर्मचारी भविष्य निधि (Provident Fund) एक ऐसा फंड है जिसमें नौकरी के दौरान कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर पैसा जमा करते हैं। यह रकम रिटायरमेंट या इमरजेंसी के वक्त बड़ा सहारा बनती है। लेकिन कई बार नौकरी छोड़ने या बदलने पर लोग लंबे समय तक अपने पीएफ अकाउंट को अपडेट नहीं कराते, जिससे वह डिएक्टिवेट हो जाता है।
अगर आपने लंबे समय तक पीएफ में कोई योगदान नहीं किया है या नया UAN जनरेट करा लिया है और पुराने खाते को लिंक नहीं कराया, तो पुराना खाता निष्क्रिय हो सकता है। लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि EPFO ने डिएक्टिव PF अकाउंट को फिर से चालू करने की प्रक्रिया बहुत आसान बना दी है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
पीएफ अकाउंट कब होता है डिएक्टिवेट?
EPFO के नियमों के अनुसार, अगर किसी पीएफ खाते में 36 महीनों (3 साल) तक कोई योगदान नहीं हुआ, तो वह खाता ‘इनऑपरेटिव’ यानी डिएक्टिवेट हो जाता है। इस दौरान उस खाते में ब्याज आना भी बंद हो सकता है, हालांकि सरकार ने हाल ही में इस पर ब्याज देना जारी रखने की बात कही है।
डिएक्टिवेट अकाउंट को दोबारा एक्टिव कैसे करें?
UAN को एक्टिव करें: सबसे पहले अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) एक्टिव कर लें। यह EPFO की वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है।
नया और पुराना अकाउंट लिंक करें: अगर आपने नई नौकरी में नया UAN ले लिया है, तो पुराने खाते को उसमें मर्ज करने के लिए EPFO की Unified Portal पर ‘One Member-One EPF Account’ सुविधा का उपयोग करें।
KYC अपडेट करें: पैन, आधार और बैंक डिटेल्स अपडेट करके KYC को पूरा करें ताकि सभी डिटेल्स वैरिफाई हो सकें।
EPFO से संपर्क करें: जरूरत पड़े तो अपने नजदीकी EPFO ऑफिस जाकर हेल्प ले सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
पीएफ अकाउंट डिएक्टिवेट होने का मतलब ये नहीं कि उसमें पड़ा पैसा खत्म हो गया है। आप कभी भी उसका क्लेम कर सकते हैं।
EPFO समय-समय पर पुराने खातों को नए खातों से लिंक करने के लिए सुविधाएं देता रहता है, इन्हें जरूर फॉलो करें।