UPI ने रचा नया इतिहास: अगस्त में 20 अरब से ज्यादा का लेनदेन, PhonePe-Google Pay में कड़ी टक्कर

UPI ने अगस्त 2025 में 20 अरब से ज्यादा लेनदेन प्रोसेस किए। PhonePe 9.6 अरब ट्रांजैक्शन के साथ सबसे आगे, Google Pay 7.4 अरब पर दूसरे स्थान पर।

Updated On 2025-09-09 18:46:00 IST

UPI अगस्त 2025: PhonePe ने रचा रिकॉर्ड, Google Pay से आगे निकला

भारत में डिजिटल पेमेंट्स की रीढ़ बन चुका यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अगस्त 2025 में नया कीर्तिमान रच गया। इस महीने UPI ने 20 अरब से ज्यादा लेनदेन प्रोसेस किए, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के अनुसार, इन लेनदेन का कुल मूल्य 24.85 लाख करोड़ रुपये रहा। इसका मतलब है कि अब रोज़मर्रा की खरीदारी से लेकर बड़े निवेश तक, भारतीयों की आर्थिक गतिविधियों का बड़ा हिस्सा सीधे UPI पर निर्भर है।

PhonePe बनाम Google Pay: किसने मारी बाज़ी?

लेनदेन संख्या के मामले में PhonePe ने सबसे ज्यादा 9.6 अरब ट्रांजैक्शन किए। वहीं Google Pay 7.4 अरब लेनदेन के साथ दूसरे नंबर पर रहा। Paytm 1.6 अरब लेनदेन के साथ तीसरे पायदान पर है।

अगर बात करें ट्रांजैक्शन वैल्यू यानी पैसों की कुल हिस्सेदारी की, तो यहां भी PhonePe सबसे आगे रहा।

  • PhonePe: 48.64%
  • Google Pay: 35.53%
  • Paytm: 8.5%

यानी लोगों ने सिर्फ PhonePe से ज्यादा पेमेंट्स किए ही नहीं, बल्कि सबसे ज्यादा रकम भी इसी ऐप से ट्रांसफर की।

PhonePe बनाम Google Pay – सर्विस तुलना

  • यूज़र इंटरफ़ेस (UI): PhonePe का इंटरफ़ेस साधारण और साफ-सुथरा है। Google Pay का UI थोड़ा स्टाइलिश है और बातचीत (कन्वर्सेशन स्टाइल) जैसा अनुभव देता है।
  • सुविधाएं: PhonePe में रीचार्ज, बिल पेमेंट, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड और गोल्ड इन्वेस्टमेंट जैसी ढेरों सुविधाएं हैं। Google Pay में निवेश और इंश्योरेंस ऑप्शन सीमित हैं, लेकिन इसमें रिवार्ड्स और स्क्रैच कार्ड सिस्टम ज्यादा आकर्षक हैं।
  • विश्वसनीयता और स्पीड: दोनों ऐप्स तेज और भरोसेमंद हैं। हालांकि ग्रामीण और छोटे कस्बों में PhonePe की पहुंच ज्यादा गहरी मानी जाती है।
  • ऑफर्स और कैशबैक: Google Pay कैशबैक और ऑफर्स में यूजर्स को ज्यादा लुभाता है, जबकि PhonePe लगातार अपनी सर्विस रेंज बढ़ाकर ग्राहकों को जोड़े रखता है।

डेली रूटीन के खर्च में UPI

अगस्त 2025 में डेली औसतन 64.5 करोड़ लेनदेन हुए। सबसे ज्यादा खर्च लोन और सिक्योरिटीज़ (77,007 करोड़ रुपए) और किराना व सुपरमार्केट (68,116 करोड़ रुपए) पर हुआ। इसके अलावा टेलीकॉम, बिजली-पानी जैसे बिल और दूसरी जरूरी सेवाओं में भी UPI का उपयोग तेजी से बढ़ा है।

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