अब OTP की चोरी रोकें: सिम स्वैप होने से पहले ही करें ब्लॉक, इन आसान स्टेप्स को फॉलो कर धोखाधड़ी से बचें

SIM Swap fraud: देश में सिम स्वैप फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है और ओटीपी सबसे कमजोर कड़ी बन चुका है। कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो कर आप बड़ी धोखाधड़ी से बच सकते हैं। जानिए कैसे।

Updated On 2025-11-14 13:52:00 IST

ओटीपी से आजकल हो रहे फ्रॉड से बचने के लिए इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें। 

SIM Swap fraud: देश में सिम फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है और 2024-25 में यह साइबर ठगी का सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आया। इस फ्रॉड में ठग आपका मोबाइल नंबर चुपचाप किसी नई शिफ्ट पर शिफ्ट करवा लेते हैं। जैसे ही नंबर पोर्ट होता है, बैंक और बाकी सर्विस के ओटीपी सीधे उनके पास पहुंचने लगते हैं। इसके बाद मिनटों में पासवर्ड रीसेट कर, अकाउंट खाली किया जा सकता है।

इसी बढ़ते खतरे को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, टेलिकॉम विभाग और CERT-IN ने बैंकों और टेलिकॉम कंपनियों पर सख़्त नियम लागू करने का दबाव बढ़ा दिया है। एजेंसियां साफ कह रही हैं कि एसएमएस आधारित ओटीपी अब कमजोर हो चुका है और फ्रॉड का सबसे बड़ा गेटवे बन गया।

सिम स्वैप से बचने के आसान कदम

सबसे पहला और मजबूत कदम है एसएमएस ओटीपी बंद करें, जहां भी संभव हो। इसके बजाय ऐप-बेस्ड ऑथेंटिकेटर या हार्डवेयर सिक्योरिटी की इस्तेमाल करें। ये आपके मोबाइल नंबर पर निर्भर नहीं होते और इन्हें हैक करना बेहद मुश्किल है। इसके बाद, मोबाइल ऑपरेटर के पास जाकर सिम पिन और अकाउंट पिन सेट करें और लाइन पर पोर्ट आउट लॉक लगवाएं। इससे आपकी सिम बिना आपकी मौजूदगी के दोबारा जारी नहीं की जा सकेगी। साथ ही, बैंकों में दर्ज आपका मोबाइल नंबर केवल अलर्ट के लिए इस्तेमाल हो, पासवर्ड रीसेट के लिए नहीं।

फोन पर अचानक नेटवर्क चला जाए, तो क्या करें

यह सिम स्वैप का सबसे बड़ा संकेत है। तुरंत किसी दूसरे फोन से अपने टेलिकॉम ऑपरेटर की फ्रॉड हेल्पलाइन पर कॉल करें और नंबर को लॉक करवाएं। इसके बाद बैंक का इमरजेंसी नंबर मिलाकर कार्ड, यूपीआई और नेट बैंकिंग पर अस्थायी रोक लगवाएं। सबसे पहले ईमेल का पासवर्ड बदलें, क्योंकि ईमेल पर कंट्रोल मिलते ही ठग बाकी अकाउंट भी हैंडल कर लेते हैं। साइबर टीमों के मुताबिक, पहले एक घंटे में कार्रवाई कर लें, तो अधिकांश मामलों में नुकसान रोका जा सकता है।

अकाउंट्स को कैसे मजबूत बनाएं

  • हर अकाउंट का यूनिक और स्ट्रॉन्ग पासवर्ड रखें।
  • पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करें।
  • ऐप-बेस्ड 2FA या सिक्योरिटी की अनिवार्य करें।
  • बैंक में ट्रांजैक्शन अलर्ट, बेनिफिशियरी लॉक और डिवाइस व्हाइटलिस्टिंग जैसे फीचर चालू करें।
  • अपनी सिम पिन किसी से साझा न करें और बैंक/टेलिकॉम बनकर आने वाली संदिग्ध कॉल से सावधान रहें।

कब करें पुलिस और साइबर सेल में शिकायत

अगर आपका पैसा चोरी हुआ है या सिम बिना अनुमति पोर्ट की गई है, तो तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। टेलिकॉम कंपनी और बैंक दोनों के कॉल लॉग, मेल और मैसेज के स्क्रीनशॉट, टाइमस्टैम्प और शिकायत नंबर संभालकर रखें। कई मामलों में अदालतों ने पाया है कि सही KYC या सुरक्षा जांच न करने पर टेलिकॉम कंपनी और बैंक दोनों की जिम्मेदारी बनती है।

(प्रियंका कुमारी)

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