stock market: सेंसेक्स डे हाई से 200 अंक टूटा, निफ्टी 25 हजार से नीचे, मार्केट क्यों नीचे गिरा?

stock market: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार की शुरुआत तूफानी तेजी से हुई थी। निफ्टी 25 हजार के पार गया था और सेंसेक्स ने भी 450 पॉइंट छलांग लगाई थी लेकिन दिन ढलते-ढलते बाजार गिर गया। जानें क्यों मार्केट में रिवर्सल आया।

Updated On 2025-09-10 15:00:00 IST

शेयर बाजार शुरुआती तेजी के बाद दोपहर के सेशन में टूट गया। 

stock market: भारतीय शेयर बाजार बुधवार को नई ऊंचाई छूने के बाद फिसल गया। शुरुआती कारोबार में जोरदार तेजी दिखाने वाले सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स बाद में दबाव में आ गए। मुनाफावसूली और वैश्विक खबरों के असर से निवेशकों का उत्साह ठंडा पड़ गया और मार्केट लाल निशान में फिसल गया।

दिन की शुरुआत में सेंसेक्स करीब 500 अंक उछल गया था लेकिन ऊपरी स्तरों पर बिकवाली से यह 250 अंक गिरकर 81416 पर आ गया। वहीं, दोपहर तीन बजे यही सेंसेक्स 81290 तक गिर गया था। वहीं, निफ्टी भी अपनी मनोवैज्ञानिक सीमा 25000 से नीचे फिसलते हुए 24920 तक आ गया।

तीन वजहें जिनसे टूटा बाजार

ऑटो शेयरों में गिरावट: निफ्टी ऑटो इंडेक्स लगातार दूसरे दिन टूटा। हाल ही में ऑटो कंपनियों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा वाहनों पर कर घटाए जाने के बाद कीमतों में कटौती की थी। इससे शेयरों में चार दिन की रैली देखी गई थी। मगर, मुनाफावसूली की वजह से निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी।

टैरिफ का डर: बाजार की धारणा पर निगेटिव असर उस रिपोर्ट का रहा, जिसमें कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से चीन से आने वाले सामान पर 100 फीसदी तक टैरिफ लगाने की अपील की। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि ट्रंप चाहते हैं कि यूरोप भारत पर भी ऐसे ही टैरिफ लगाए। इस खबर से निवेशकों में वैश्विक व्यापार तनाव को लेकर चिंता बढ़ी।

मुनाफावसूली का दबाव: ऊपरी स्तरों पर ज्यादातर निवेशकों ने मुनाफा वसूली करने का फैसला लिया। इससे फ्रंटलाइन इंडेक्स यानी सेंसेक्स और निफ्टी पर दबाव बना और तेजी टिक नहीं पाई।

अलग-अलग सेक्टर्स का हाल

ऑटो शेयरों के अलावा आईटी और मेटल इंडेक्स में भी दबाव देखा गया। बैंकिंग और फार्मा सेक्टर ने हालांकि थोड़ी मजबूती दिखाई लेकिन वह बाजार को संभाल नहीं पाए।

विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बाजार ऊपरी स्तरों पर बिकवाली के लिए तैयार बैठा है। घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के नतीजे अच्छे आए हैं लेकिन विदेशी मोर्चे से लगातार आ रही नकारात्मक खबरें बाजार के सेंटीमेंट को खराब कर रही।

एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर निफ्टी 25000 के नीचे ज्यादा देर टिकता है तो बाजार में और कमजोरी देखने को मिल सकती। हालांकि, लंबे समय के लिए भारतीय बाजार की स्थिति मजबूत बनी हुई है लेकिन शॉर्ट-टर्म में उतार चढ़ाव से इंकार नहीं किया जा सकता।

(प्रियंका कुमारी)

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