शेयर बाजार पूर्वानुमान: दिसंबर 2026 तक 1,07,000 का स्तर छू सकता है सेंसेक्स, मॉर्गन स्टेनली ने जताया अनुमान
मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि 2026 तक भारतीय बाजार अपनी गति दोबारा हासिल कर लेगा और अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों के चलते सेंसेक्स दिसंबर 2026 तक 1,07,000 के स्तर को छू सकता है।
(एपी सिंह) वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर एक बड़ा और आशावादी अनुमान जारी किया है। मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि 2026 तक भारतीय बाजार अपनी गति दोबारा हासिल कर लेगा और अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों के चलते सेंसेक्स दिसंबर 2026 तक 1,07,000 के स्तर को छू सकता है। यह लक्ष्य मौजूदा स्तरों से लगभग 27 प्रतिशत अधिक है। मॉर्गन स्टेनले के अनुसार बाजार के बहुत अच्छे और तेजी वाले माहौल (बुल केस) वाले परिदृश्य के सच होने की संभावना 30% है। यह अनुमान तभी साकार हो सकता है जब कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहें, वैश्विक आयात शुल्क में ढील हो, घरेलू नीतियां विकास को समर्थन देती रहें और अर्थव्यवस्था में मजबूत गति कायम रहे।
19% वार्षिक दर से बढ़ सकता है सेंसेक्स
ऐसी स्थिति में सेंसेक्स की कमाई FY25 से FY28 तक 19 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ सकती है। मॉर्गन स्टेनली का बेस केस परिदृश्य भी मजबूत है, जिसकी संभावना 50 प्रतिशत बताई गई है। इस स्थिति में सेंसेक्स 2026 के अंत तक 95,000 तक पहुंच सकता है यानी लगभग 13 प्रतिशत की बढ़त। यह अनुमान मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता, वित्तीय अनुशासन, निजी निवेश में मजबूती, स्थिर वैश्विक विकास और घरेलू मौद्रिक नीति में संभावित नरमी जैसे कारकों पर आधारित है। इस स्थिति में FY28 तक कमाई 17 प्रतिशत CAGR से बढ़ने की संभावना जताई गई है।
19% वार्षिक दर से बढ़ सकता है सेंसेक्स
दूसरी ओर, बियर केस परिदृश्य में सेंसेक्स 76,000 तक गिर सकता है यदि वैश्विक जोखिम बढ़ जाएं, जैसे कि तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएं, वैश्विक मांग कमजोर पड़े या नीतियां अधिक सख्त हो जाएं। मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों रिधम देसाई और नयंत पारेख के अनुसार भारतीय इक्विटी बाजार 2026 में अपना पुराना “मोजो” वापस पा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक नीतियों में बड़ा बदलाव हो चुका है, जो नाममात्र वृद्धि को मजबूत कर रहा है और पिछले एक साल से जारी मध्यम गति वाली कमाई के दौर से बाहर निकाल सकता है।
बाजार के लिए निर्णायक होगा 2026
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भागीदारी ऐतिहासिक रूप से कम हो गई है और आने वाले समय में दरों में कटौती, तरलता में वृद्धि और GST रेट कट जैसे उपभोग बढ़ाने वाले कदम बाजार को नई दिशा दे सकते हैं। साथ ही भारत का मजबूत बाहरी क्षेत्र, घटती तेल निर्भरता, बढ़ता सेवाओं का निर्यात, स्थिर नीति वातावरण और घरेलू निवेशकों की बढ़ती सक्रियता भारतीय बाजार को उभरते देशों में विशेष रूप से आकर्षक बनाती है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार 2026 भारतीय शेयर बाजार के लिए एक निर्णायक वर्ष साबित हो सकता है।