PM Fasal Bima Yojana: किसानों की फसल को मिलती है 100% सुरक्षा, जानें आवेदन प्रक्रिया

योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को अपने दस्तावेज भी जमा करने होते हैं, जिनमें पहचान प्रमाण के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस शामिल है।

Updated On 2025-11-21 12:01:00 IST

PM Fasal Bima Yojana

(एपी सिंह ) PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक ऐसी सुरक्षा ढाल है, जो प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, बीमारियों या अत्यधिक मौसम के कारण फसल खराब होने पर आर्थिक नुकसान से बचाती है। भारत कृषि प्रधान देश है और यहां का किसान अक्सर मौसम की मार झेलता है। ऐसे में यह योजना किसानों को मुश्किल समय में आर्थिक सहारा देती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा देना और उन्हें कर्ज के जाल में फंसने से बचाना है। इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है, जो अधिसूचित फसलों जैसे चावल, गेहूं, दलहन, तिलहन या बागवानी फसलों की खेती करते हैं।

सभी किसान कर सकते हैं इस योजना में आवेदन

इस योजना के लिए सभी किसान आवेदन कर सकते हैं, चाहे वह जमीन के मालिक हों या दूसरों की जमीन पर खेती करने वाले बटाईदार किसान (टेनेंट फार्मर्स) हों। आवेदन करते समय किसान को सिर्फ यह साबित करना होता है कि वह सच में खेती कर रहा है और उसकी फसल उस अधिसूचित क्षेत्र में आती है जिसे सरकार ने योजना के अंतर्गत रखा है। इस योजना में किसानों को बहुत कम प्रीमियम भरना पड़ता है। खरीफ फसलों पर 2% प्रीमियम, रबी फसलों पर 1.5% और बागवानी या कैश क्रॉप्स पर 5% प्रीमियम किसान भरते हैं, जबकि बाकी बड़ी राशि सरकार खुद देती है।

बीमा के लिए इन दस्तावेजों की होती है जरूरत

योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को अपने दस्तावेज भी जमा करने होते हैं, जिनमें पहचान प्रमाण के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस शामिल है। इसके अलावा किसान को यह भी दिखाना होता है कि वह जमीन का मालिक है या खेती कर रहा है, जिसके लिए खसरा, खतौनी या किरायेदारी/पट्टा दस्तावेज जरूरी होते हैं। मुआवजा सीधे बैंक खाते में आता है, इसलिए बैंक पासबुक, खाते का नंबर और IFSC कोड देना भी जरूरी होता है।

इस योजना में आवेदन करना काफी आसान

इस योजना में आवेदन करना भी काफी आसान है। किसान आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाकर Farmer Corner से Apply Online विकल्प चुनकर अपना आधार नंबर डालते हैं और ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन पूरा करते हैं। इसके बाद फसल की जानकारी, खसरा नंबर अपलोड कर प्रीमियम जमा करना होता है। इसके बाद किसान योजना के अधीन आ जाता है और फसल खराब होने की स्थिति में मुआवजा सीधे उसके बैंक खाते में भेज दिया जाता है। इस तरह यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा देती है और उनकी खेती को जोखिमों से बचाती है।

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