Share Market Crash: आखिर क्यों टूटा अचानक मार्केट? एक्सपर्ट से जानिए कारण

Share Market Crash: पिछले डेढ़ साल (18 महीने) में स्टॉक मार्केट का सिंगल डे यानी एक दिन में सबसे बड़ा क्रैश है। बैंक निफ्टी में सबसे ज्यादा 2060 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

Updated On 2024-01-17 18:16:00 IST
Share Market Crash Big Reason by Amitabh Manya Jain

Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में आज यानी 17 जनवरी को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। Sensex, Nifty, Nifty Bank समेत स्टॉक मार्केट के सभी प्रमुख इंडेक्स लुढ़ककर औंधे मुंह गिरे। बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज शेयर एचडीएफसी बैंक का हाल बुरा है। यह शेयर करीब 8.5 फीसदी से ज्यादा लुढ़कर निफ्टी का टॉप लूजर बन गया। बुधवार को बाजार में हुई गिरावट जून 2022 के बाद यानी डेढ़ माह का सबसे बड़ा मार्केट क्रैश है। एक ही दिन में निवेशकों के 4.6 लाख करोड़ रुपए डूब गए। आखिर शेयर मार्केट में भूचाल आने की क्या बड़ी वजह हैं, एक्सपर्ट्स अमिताभ मनिया जैन से समझिए... 

1) रिजल्ट के बाद एचडीएफसी बैंक में मुनाफावसूली
देश में प्राइवेट सेक्टर से सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने हाल ही में अपना दिसंबर तिमाही का रिजल्ट डिक्लेयर किया है। यह नतीजे निवेशकों की उम्मीदों पर काफी हद तक खरे नहीं उतरे। जिसके कारण काफी दिनों से ऊंचाई पर चल रहे शेयर में निवेशकों ने निराशा में आकर प्रॉफिट बुकिंग यानी मुनाफावसूली शुरू कर दी। बुधवार के कारोबार में HDFC बैंक का शेयर 8.50 फीसदी से ज्यादा लुढ़का। यह बैंक बीएसई और एनएसई इंडेक्स में तगड़ा वेटेज रखता है। इसलिए इसमें गिरावट का असर बेंचमार्क इंडेक्स पर साफ दिखाई दिया। 

2) वैश्विक बाजार की गिरावट का असर 
अमेरिकी मार्केट के बाद बुधवार सुबह से एशियाई बाजार में बड़ी गिरावट नजर आई। चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार की आशंका के कारण हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 2.5 फीसदी गिरा। साउथ कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कम्पोजिट भी लाल निशान में आकर बंद हुए। अमेरिका और एशियाई बाजारों से मिले संकेत से भारतीय बाजार पर असर दिखाई दिया है।

3) ब्याज दरों में कटौती की देरी का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक से मिले संकेतों के अनुसार, ब्याज दरों में जल्द कटौती की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। जिसके कारण निवेशकों की आशाएं धूमिल हुई और मार्केट सेंटीमेंट कमजोर हुआ। फेड गवर्नर ने इस साल कटौती की बात कही, लेकिन इसमें समय लगेगा। अमेरिका में महंगाई दर अभी बैंक के टारगेट से कहीं दूर है। 

4) डॉलर एक महीने से हाई पर
अमेरिकी डॉलर इस वक्त एक महीने के सबसे उच्चर स्तर पर पहुंच चुका है। बुधवार को यह बढ़त के साथ भारतीय रुपए के मुकाबले 83.11 के स्तर पर पहुंच गया। इसके कारण कमोडिटी मार्केट में कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं महंगी हुई हैं। इसका असर देश के आयात पर दिखाई दे रहा है।

(मार्केट एक्सपर्ट कल्पतरु मल्टीप्लायर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं) 

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