Paytm Payment Bank Fraud: अब ऑनलाइन वॉलेट भी सेफ नहीं ! साइबर ठगों ने ‘पेमेंट बैंक’ को लगाई 1.15 करोड़ की चपत 

Paytm Payment Bank Fraud: आजकल साइबर आपराधियों की नजर ऑनलाइन पेमेंट ऐप के 'वॉलेट' पर भी है। ऐसे में यूजर्स को किसी भी आर्थिक नुकसान से बचने के लिए काफी सतर्क और जागरुक रहने की आवश्यकता है।

Updated On 2024-01-20 12:43:00 IST
Paytm Payment Bank Fraud

Paytm Payment Bank Fraud: साइबर अपराधी आए दिन अलग-अलग हाईटेक तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं। लेकिन अब उनके हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वो ऑनलाइन वॉलेट तक में सेंधमारी करने लगे हैं। ताजा मामला पेटीएम के ऑनलाइन वॉलेट से पैसे उड़ाने का है। नोएडा पुलिस को मिली एक शिकायत के मुताबिक, साइबर ठगों ने पेटीएम पेमेंट बैंक के वॉलेट में छेड़छाड़ कर 1.15 करोड़ रुपए निकाल लिए। इस संबंध में कंपनी अधिकारियों की ओर से पुलिस को सूचना दी गई।

फर्जी अकाउंट्स खोले... ऐसे लगाया चूना 
साइबर क्राइम थाना प्रभारी उमेश कुमार ने बताया कि पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड कंपनी की ओर से 1.15 करोड़ रु. की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई है। Paytm पेमेंट बैंक के AGM आशुतोष बिश्नोई ने बताया कि 136 आरोपियों ने पहले पेटीएम 'वॉलेट' को UPI से जोड़ा। फिर उन्होंने Amazon पर सामान ऑर्डर किया। तब आरोपियों ने इसका भुगतान पेटीएम वॉलेट से जुड़ी यूपीआई के जरिए किया। इसके कुछ देर बाद आरोपियों ने अपने ऑर्डर कैंसिल कर दिए और सीधा रिफंड अमेजन से अपने अलग-अलग बैंक खातों में करा लिया। आरोपियों ने 28 दिसंबर से 4 जनवरी के बीच पूरे घटनाक्रम में धोखाधड़ी कर पेमेंट बैंक से भी रुपए रिफंड करा लिए।

136 अज्ञात जालसाजों के खिलाफ FIR दर्ज
इस धोखाधड़ी का पता चलने पर कंपनी ने अपने स्तर पर जांच शुरु की। जिसमें पता चला कि फ्रॉड में शामिल सभी 136 आरोपियों ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए अकाउंट बनाया है। आरोपी इन अकाउंट के माध्यम से 1485 बार इसी प्रकार ऑर्डर कैंसिल कर चूना लगा चुके हैं। इस पूरे घटनाक्रम में पेटीएम पेमेंट बैंक को 1.15 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पुलिस ने 136 अज्ञात लोगों के खिलाफ साइबर क्राइम की धाराओं में केस दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।

RBI ने लगाया था 5.39 करोड़ का जुर्माना
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले अक्टूबर, 2023 में पेटीएम पेमेंट बैंक पर 5.39 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया था। यह कार्रवाई केंद्रीय बैंक की केवायसी गाइडलाइन का पालन नहीं करने और साइबर सुरक्षा में सेंधमारी की समय पर सूचना नहीं देने को लेकर की गई थी। 

Tags:    

Similar News