Share Market: ब्रोकर ने निर्मला सीतारमण से पूछा- सरकार उसका मुनाफा क्यों छीन रही, पढ़ें वित्त मंत्री ने क्या दिया जवाब? 

Share Market: एक ब्रोकर ने सरकार को 'स्लीपिंग पार्टनर' करार देते हुए कहा कि केंद्र CGST, STT, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन जैसे कई टैक्स लगातार बोकर्स के मुकाबले ज्यादा कमाई कर रही है। 

Updated On 2024-05-16 20:15:00 IST
Nirmala Sitharaman on Electoral Bond: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगर बीजेपी दोबारा चुनाव जीतती है तो इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम दोबारा शुरू की जाएगी।

Share Market: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्हें एक ब्रोकर के पेचीदा सवालों का सामना करना पड़ा। ब्रोकर ने स्टॉक मार्केट ब्रोकईर्स और रियल एस्टेट ट्रांजैक्शन पर लगाए गए हाई टैक्स पर चिंता जताई थी। ब्रोकर ने सरकार को 'स्लीपिंग पार्टनर' करार देते हुए कहा कि केंद्र सीजीएसटी, एसटीटी, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन जैसे कई टैक्स लेकर बोकर्स कम्यनिटी के मुकाबले ज्यादा पैसा कमा रही है।

उसने वित्त मंत्री से पूछा- मैं सब कुछ निवेश कर रहा हूं, जोखिम ले रहा हूं और सरकार मेरा पूरा मुनाफा ले रही है। कोई ब्रोकर इतने सारे टैक्सों के साथ कैसे काम कर सकता है। जहां भारत सरकार मेरी आय में स्लीपिंग पार्टनर है। इस दौरान ब्रोकर ने घर खरीदने के दौरान अहम कर बोझ की ओर भी इशारा किया।

सवाल- वित्त मंत्री सीमित कमाई वाले व्यक्ति को घर खरीदने में कैसे मदद करेंगी? 
ब्रोकर ने आगे कहा- सरकार ने घर खरीदने के लिए कैश की शर्त हटा दी है। मौजूदा दौर में मुंबई जैसे शहर में घर खरीदना एक बुरे सपने जैसा है, क्योंकि मैं इसका अनुभव कर चुका रहा हूं और मेरे पास व्हाइट मनी है। अब हमें सभी भुगतान चेक से करना होगा। ऐसे में मेरा बैंक बैलेंस सिर्फ उतना ही है, जिसे मैंने केंद्र सरकार को टैक्स चुकाने के बाद छोड़ा है। अब मैं फिर से घर खरीदूंगा तो मुझे स्टाम्प ड्यूटी, जीएसटी देना होगा, जो कि 11 फीसदी है,। 

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर वित्त मंत्री की राय? 
वित्त मंत्री सीतारमण ने जवाब दिया- एक स्लीपिंग पार्टनर यहां बैठकर जवाब नहीं दे सकता। उन्होंने मिडिल क्लास इन्वेस्टर्स की वकालत करते हुए आगे कहा- एक रिटेल फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग में 'अनियंत्रित विस्फोट' न केवल मार्केट के लिए, बल्कि हाउसहोल्ड फाइनेंस के लिए चुनौतियां ला सकता है। घरेलू वित्त ने एक पीढ़ीगत बदलाव महसूस किया है। सरकार इसे सुरक्षित रखना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यह बिखरे नहीं।

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