Mutual Fund News: अक्टूबर में म्यूचुअल फंड्स का कुल नकद भंडार 4.11% बढ़कर 2.09 लाख करोड़ हुआ

फंड मैनेजरों ने तेजी के बावजूद अपने पोर्टफोलियो का एक बडा हिस्सा नकदी रूप में सुरक्षित रखा है।

Updated On 2025-11-13 11:39:00 IST

(एपी सिंह ) मुंबई। अक्टूबर माह में भारतीय शेयर बाजारों की तेजी और विदेशी निवेशकों की वापसी के बावजूद इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने अपने नकद भंडार को उच्च स्तर पर बनाए रखा है। इसका मतलब यह है कि फंड मैनेजरों ने बाजार में तेजी के बावजूद सावधानी बरतते हुए अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा नकद रूप में सुरक्षित रखा। फंड मैनेजरों ने यह कदम बाजार में संभावित उतार-चढ़ाव और ऊंचे वैल्यूएशन को देखते हुए एहतियाती रणनीति के रूप में उठाया।

एसीई इक्विटीज के आंकड़ों के अनुसार, सक्रिय इक्विटी योजनाओं में औसत नकद होल्डिंग अक्टूबर में बढ़कर 4.11 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 4.10 प्रतिशत थी। कुल नकद भंडार का मूल्य 1.99 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपए हो गया। यह वृद्धि तब हुई जब विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयरों में लगभग 1.6 अरब डॉलर का निवेश किया, जिसे अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते और मजबूत तिमाही नतीजों से प्रोत्साहन मिला।

विश्लेषकों के अनुसार फंड मैनेजर नकदी इसलिए रखते हैं, ताकि अचानक बाजार गिरावट की स्थिति में उन्हें निवेश के अवसर मिल सकें या रिडेम्प्शन की मांग पूरी की जा सके। लेकिन अधिक नकद रखना भी चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इससे संभावित रिटर्न कम हो सकता है। इस समय अधिकांश फंड हाउसों की सतर्कता का कारण यह है कि शेयरों का मूल्यांकन ऐतिहासिक औसत की तुलना में काफी ऊंचा है।

इसलिए वे आक्रामक निवेश करने के बजाय कमाई की गति और उचित मूल्यांकन के हिसाब से धीरे-धीरे पूंजी लगा रहे हैं। मुख्य फंड हाउसों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के पास सबसे ज्यादा 32,800 करोड़ का नकद भंडार है, जो इसके कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का लगभग 6.5 प्रतिशत है। इसके बाद एसबीआई म्यूचुअल फंड और पाराग पारिख म्यूचुअल फंड क्रमशः 31,900 करोड़ रुपए (4.2%) और 29,160 करोड़ रुपए (22.2%) नकद रखे हैं।

कई फंड्स जैसे मोतीलाल ओसवाल, क्वांट, और इनवेस्को ने भी अपनी नकद अनुपात में वृद्धि की है, जबकि सैमको, एनजे और ओल्ड ब्रिज म्यूचुअल फंड्स ने अपन नकद हिस्सेदारी घटाई है। समग्र रूप से देखा जाए तो यह रुझान बताता है कि म्यूचुअल फंड उद्योग वर्तमान तेजी के बावजूद सतर्कता से निवेश की रणनीति अपना रहा है, ताकि संभावित बाजार सुधार की स्थिति में अवसरों का लाभ उठाया जा सके।

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