Mutual Fund SIP vs NPS: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए SIP करें या NPS? जानिए कहां मिलेगा ज्यादा रिटर्न

Mutual Fund SIP vs NPS: आजकल लोग कम उम्र से ही रिटायरमेंट प्लान करने लगते हैं। जानते हैं म्युचूअल फंड सिप और एनपीएस में से कौन सा ऑप्शन बेहतर हो सकता है।

Updated On 2025-06-21 17:29:00 IST
एनपीएस और सिप में ज्यादा बेहतर कौन?

Mutual Fund SIP vs NPS: आज के समय में लोग अपनी रिटायरमेंट की तैयारी पहले से करने लगे हैं, ताकि उम्र के उस पड़ाव पर आर्थिक चिंता न सताए। इसके लिए लोग विभिन्न निवेश विकल्पों को चुनते हैं, जिनमें नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।

हालांकि दोनों ही विकल्प लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए कारगर माने जाते हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इनमें से कौन ज्यादा रिटर्न दे सकता है, किसमें टैक्स बचत बेहतर होती है और कौन-सा विकल्प आपकी जरूरतों के हिसाब से ज्यादा उपयुक्त है। यहां हम आपको NPS और SIP की तुलना आसान भाषा में बता रहे हैं।

SIP में ज्यादा रिटर्न की संभावना

म्यूचुअल फंड SIP में निवेशक यह तय कर सकता है कि उसका पैसा इक्विटी में लगे या डेट फंड में। यदि आप लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड चुनते हैं, तो 10–15% तक सालाना रिटर्न मिल सकता है। दूसरी ओर, NPS में इक्विटी अलोकेशन की सीमा 75% तक होती है, जिससे इसका औसत रिटर्न आमतौर पर 8–10% तक सीमित रहता है। इसलिए रिटर्न के मामले में SIP थोड़ा आगे नजर आता है, हालांकि उसमें रिस्क भी ज्यादा होता है।

टैक्स बचत के लिए NPS ज्यादा फायदेमंद

NPS इन्वेस्टमेंट में आयकर की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख और 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 की छूट मिलती है, जिससे कुल ₹2 लाख तक की टैक्स सेविंग हो सकती है। वहीं SIP में टैक्स छूट सिर्फ ELSS फंड में मिलती है और वह भी 80C के अंदर ₹1.5 लाख तक सीमित होती है। टैक्स प्लानिंग के लिहाज से NPS ज्यादा कारगर साबित होता है।

लिक्विडिटी और फ्लेक्सिबिलिटी: SIP की बढ़त

SIP में आप जब चाहें निवेश शुरू या बंद कर सकते हैं, राशि घटा-बढ़ा सकते हैं और पैसे निकाल भी सकते हैं। लेकिन NPS में निकासी पर सख्त शर्तें लागू होती हैं। आप पूरी रकम रिटायरमेंट पर ही निकाल सकते हैं, जिसमें से सिर्फ 60% हिस्सा एकमुश्त मिलता है और 40% से एन्युटी खरीदनी होती है।

रिस्क और सुरक्षा में NPS आगे

NPS एक सरकारी स्कीम है जो PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) की निगरानी में चलती है। इसमें आपका पैसा इक्विटी, सरकारी बॉन्ड और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में संतुलित रूप से लगाया जाता है, जिससे जोखिम सीमित होता है। जबकि SIP, खासकर इक्विटी फंड, शेयर बाजार से जुड़ा होता है, जिसमें उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है।

किसके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर?

अगर आप नौकरीपेशा हैं, टैक्स बचाना चाहते हैं और रिटायरमेंट के लिए एक सुनिश्चित योजना की तलाश में हैं, तो NPS एक सुरक्षित विकल्प है। वहीं अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, कुछ रिस्क ले सकते हैं और फ्लेक्सिबिलिटी को महत्व देते हैं, तो SIP आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है।

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