Infosys Share Buyback: इंफोसिस का 18000 करोड़ का शेयर बायबैक कल से शुरू, रिटेल निवेशकों को क्यों खुश होना चाहिए

Infosys Share Buyback: इंफोसिस का 18 हजार करोड़ रुपये का अब तक का सबसे बड़ा बायबैक 20 से 26 नवंबर तक चलेगा। प्रमोटर्स के न भाग लेने से रिटेल निवेशकों की स्वीकृति बढ़ने की उम्मीद।

Updated On 2025-11-19 15:32:00 IST

Infosys Share Buyback: भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस का शेयर बायबैक विंडो कल यानी 20 नवंबर से खुल रहा और ये विंडो 26 नवंबर तक चलेगी। यह अब तक का कंपनी का सबसे बड़ा बायबैक है, जिसकी कुल वैल्यू 18000करोड़ रुपये तय की गई है। कंपनी अपने शेयर 1,800 रुपये प्रति शेयर के प्रीमियम दाम पर खरीदेगी, जो वर्तमान बाजार भाव से करीब 19% ज्यादा है।

सोमवार को इंफोसिस के के शेयर लगभग 4% चढ़कर 1,541 रुपये पर ट्रेड हुए और निफ्टी आईटी इंडेक्स पर टॉप गेनर बने।

क्या होता है शेयर बायबैक?

जब कोई कंपनी अपने ही शेयर बाजार से दोबारा खरीदती है, उसे बायबैक कहा जाता है। इससे शेयरों की संख्या घटती है और कंपनी अपने अतिरिक्त कैश का इस्तेमाल निवेशकों को फायदा पहुंचाने में करती है। इंफोसिस इस बायबैक के तहत 10 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी, जो उसके कुल शेयरों का 2.41% है। कंपनी ने कहा कि यह कदम उसकी मीडियम-टर्म जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त फंड्स शेयरधारकों को लौटाने के लिए उठाया गया है।

रिटेल निवेशकों के लिए बड़ा मौका

खुदरा निवेशकों के लिए बायबैक बड़ा मौका होगा। ये दो कैटेगरी में होगा। पहला रिजवर्ड (छोटे निवेशकों के लिए) जबकि दूसरा जनरल कैटेगरी के लिए। छोटे निवेशक वे हैं जिनके पास रिकॉर्ड डेट के दिन तक 2 लाख रुपये से कम मूल्य के शेयर थे। ऐसे 25,85,684 निवेशक कंपनी के रिकॉर्ड में हैं। छोटे निवेशकों के लिए बायबैक में 15% शेयर रिज़र्व रखे गए हैं।

बायबैक रेशियो: रिज़र्व्ड: 2 शेयर प्रति 11 शेयर

जनरल: 17 शेयर प्रति 706 शेयर

सबसे अहम बात ये है कि इंफोसिस के प्रमोटर इस बायबैक में हिस्सा नहीं लेंगे। इससे रिटेल और पब्लिक निवेशकों के लिए स्वीकृति बढ़ सकती है।मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, प्रमोटर्स का न भाग लेना कंपनी के भविष्य पर विश्वास दिखाता है और रिटेल निवेशकों के लिए फायदा बढ़ाता है।

टैक्स रूल्स से फैसला बदल सकता

2024 के बजट के बाद अब बायबैक से होने वाली कमाई डिविडेंड मानी जाती है और निवेशक की टैक्स स्लैब के हिसाब से पूरी तरह टैक्स लगती है। उच्च टैक्स स्लैब वालों के लिए बायबैक का फायदा सीमित हो सकता है।कम टैक्स स्लैब या टैक्स-एक्जेम्प्ट निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंफोसिस का मजबूत कैश फ्लो बायबैक को सपोर्ट करता है और शेयर काउंट घटने से कंपनी का ROE मजबूत होगा।

(प्रियंका कुमारी)

Tags:    

Similar News