Drop in Exports: भारत के रत्न और आभूषण निर्यात में अक्टूबर में 31% की बड़ी गिरावट

क्रिसमस सीजन में अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में मांग बढ़ने की संभावना है। अक्टूबर में कट और पॉलिश्ड डायमंड (Cut & Polished Diamonds) के निर्यात में 26.97% की बड़ी गिरावट आई है।

Updated On 2025-11-16 14:53:00 IST


(एपी सिंह ) Drop in Exports : भारत के रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery) सेक्टर में अक्टूबर महीने में भारी गिरावट देखने को मिली है। GJEPC (Gems and Jewellery Export Promotion Council) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में इस सेक्टर का कुल निर्यात 30.57% घटकर 2,168.05 मिलियन डॉलर (₹19,172.89 करोड़) रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा काफी अधिक था। कुल निर्यात अक्टूबर 2023 में 3,122.52 मिलियन डॉलर (₹26,237.1 करोड़) के स्तर पर था, जिससे साफ है कि इस बार बाजार में तेज गिरावट दर्ज हुई है।

इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका द्वारा लागू किए जाने वाले नए टैरिफ के चलते मांग का पहले ही खिसक जाना बताया जा रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने 27 अगस्त से पहले ही त्योहारों और सीजन की मांग के लिए स्टॉक भर लिया था। इसके कारण अक्टूबर में मांग काफी कम रह गई। साथ ही सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी निर्यात को कमजोर किया है। GJEPC के चेयरमैन किरीत भंसाली के अनुसार, नवंबर में निर्यात में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि चीनी बाजार धीरे-धीरे रिकवर हो रहा है।

क्रिसमस सीजन में अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में मांग बढ़ने की संभावना है। अक्टूबर में कट और पॉलिश्ड डायमंड (Cut & Polished Diamonds) के निर्यात में 26.97% की बड़ी गिरावट आई है। यह निर्यात घटकर 1,025.99 मिलियन डॉलर (₹9,071.41 करोड़) रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 1,404.85 मिलियन डॉलर (₹11,806.45 करोड़) था। इसी तरह लैब-ग्रोउन डायमंड के निर्यात में भी 34.90% की गिरावट दर्ज की गई। सोने के आभूषणों के निर्यात में भी 28.4% की गिरावट आई है, जो घटकर 850.15 मिलियन डॉलर (₹7,520.34 करोड़) पर पहुंच गया।

चांदी के आभूषणों के निर्यात में 16% की कमी देखी गई। वहीं रंगीन रत्नों (Coloured Gemstones) के निर्यात में अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में 3.21% की मामूली गिरावट दर्ज हुई। कुल मिलाकर अक्टूबर 2024 भारत के जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर के लिए कमजोर महीना साबित हुआ, हालांकि नवंबर और दिसंबर में उत्सव और वैश्विक मांग के चलते सुधार की उम्मीद बनी हुई है।

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