Government vs Corporate Bonds: दोनों में क्या अंतर..किसमें मिलता ज्यादा रिटर्न, आपके लिए सही निवेश विकल्प क्या?

Government vs Corporate Bonds: मार्केट की अनिश्चितता में बॉन्ड सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प हैं। कॉरपोरेट बॉन्ड ज्यादा रिटर्न देते हैं लेकिन रिस्क भी ज्यादा होता है जबकि सरकारी बॉन्ड स्थिर और सुरक्षित रहते हैं।

Updated On 2025-11-11 17:49:00 IST

मार्केट की अनिश्चितता में बॉन्ड सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प हैं।

Government vs Corporate Bonds: आज के उतार-चढ़ाव भरे बाजार में निवेशक ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं जो सुरक्षित भी हों और रिटर्न भी अच्छा दें। ऐसे में बॉन्ड एक भरोसेमंद रास्ता बनकर सामने आते हैं। चाहे आप नए निवेशक हों या अनुभवी सेविंग प्लानर, कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्ड की समझ होना बहुत जरूरी है।

कंपनियां अपनी जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने के मकसद से कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करती हैं। बदले में निवेशकों को तय ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है। हालांकि, इनमें क्रेडिट और लिक्विडिटी रिस्क ज्यादा होता है क्योंकि कंपनी की वित्तीय स्थिति पर भुगतान निर्भर करता है। इसलिए किसी भी कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश से पहले कंपनी की क्रेडिट रेटिंग देखना जरूरी है या फिर डाइवर्सिफाइड डेब्ट फंड के जरिए निवेश करना बेहतर रहता है।

क्या हैं सरकारी बॉन्ड?

सरकारी बॉन्ड यानी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ को लगभग रिस्क-फ्री माना जाता है क्योंकि इन पर सरकार की गारंटी होती है। हालांकि इनमें ब्याज दर का जोखिम बना रहता है। ब्याज दरें बढ़ने पर इनकी कीमत गिर सकती है। कम अवधि के निवेश के लिए ट्रेज़री बिल्स लोकप्रिय हैं, जो 91, 182 और 364 दिनों की अवधि में मिलते हैं। इन पर ब्याज नहीं मिलता बल्कि फेस वैल्यू पर डिस्काउंट में बेचकर मुनाफा कमाया जाता है। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड सात साल की अवधि वाले होते हैं और न्यूनतम 1 हजार रुपये से खरीदे जा सकते हैं।

दोनों में बड़ा फर्क क्या?

सरकारी बॉन्ड सुरक्षा और स्थिरता देते हैं जबकि कॉरपोरेट बॉन्ड ज्यादा रिटर्न के साथ रिस्क भी लाते हैं। आमतौर पर सरकारी बॉन्ड 6 से 7 फीसदी रिटर्न देते हैं जबकि कॉरपोरेट बॉन्ड 8–10% या उससे ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं। ट्रिपल-ए रेटेड बॉन्ड सबसे सुरक्षित माने जाते हैं, वहीं लोअर रेटिंग वाले बॉन्ड ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा जोखिम वाले होते हैं।

कौन से निवेशक क्या चुनें?

कम जोखिम पसंद करने वाले युवा निवेशकों के लिए सरकारी बॉन्ड शानदार शुरुआत हैं। ऐसे निवेशक 60-80 फीसदी निवेश सरकारी बॉन्ड में रख सकते हैं और बाकी AAA रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड में लगा सकते हैं ताकि रिटर्न थोड़ा बढ़ सके।

टैक्स कैलकुलेशन कैसे होता है

सरकारी बॉन्ड से मिलने वाला ब्याज आपकी इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल होता है। अगर आप किसी बॉन्ड को 12 महीने से पहले बेचते हैं तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है जबकि 12 महीने से ज्यादा रखने पर 12.5% एलटीसीजी टैक्स देना होता है।

निवेशक लैडरिंग रणनीति अपनाकर अलग-अलग मैच्योरिटी के बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं ताकि ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का असर कम हो। आज के अस्थिर वित्तीय माहौल में सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड दोनों ही न सिर्फ सुरक्षित निवेश विकल्प हैं, बल्कि वे आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता और मजबूती भी देते हैं।

(प्रियंका कुमारी)

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