US Stocks: US स्टॉक्स में भारतीय भी करना चाहते निवेश? ये 3 आसान रास्ते अपना सकते
Investment in US Stocks: अमेरिकी शेयरों में निवेश अब पहले से कहीं आसान है और चार रास्ते भारतीयों के लिए सबसे कारगर हैं।
Investment in US Stocks: भारतीय निवेशकों के लिए अमेरिकी शेयर बाजार दूर की चीज़ नहीं रह गया। पिछले कुछ सालों में नियमों में ढील, फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म की बढ़ती पहुंच और ग्लोबल पोर्टफोलियो में दिलचस्पी ने इस रास्ते को काफ़ी आसान बना दिया।
वजह भी साफ है,गूगल, माइक्रोसाफ़्ट,अमेज़न,एनविडिया और टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियां अमेरिका में लिस्टेड हैं और लंबे समय में इन्होंने शानदार रिटर्न दिए हैं। अगर आप शुरुआत करना चाहते हैं, तो ये 4 भरोसेमंद विकल्प आपके काम आएंगे।
भारतीय ब्रोकरेज ऐप के ज़रिए खरीदें US स्टॉक्स
कई भारतीय ब्रोकरेज कंपनियों ने अमेरिकी ब्रोकर्स के साथ पार्टनरशिप कर रखी है। इनके जरिए निवेशक नैस्डैक और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से सीधे शेयर खरीद सकते हैं। बस आपको एक इंटरनेशनल ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। इसका केवायसी पूरा करना होता है और एलआरएस के तहत डॉलर ट्रांसफर करके ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है। हां, घरेलू ट्रेड की तुलना में चार्ज थोड़े ज्यादा हो सकते हैं लेकिन पहली बार ग्लोबल निवेश करने वालों के लिए यह सबसे आसान और परिचित रास्ता माना जाता है।
ग्लोबल इन्वेस्टिंग ऐप से भी कर सकते शुरुआत
वेस्टेड, INDmoney और राइज जैसे ऐप ने विदेशी निवेश को बेहद आसान बना दिया है। इन प्लेटफॉर्म पर आप डॉलर भेजकर सीधे अमेरिकी शेयरों में निवेश कर सकते हैं-पूरा शेयर हो या सिर्फ थोड़ा हिस्सा,यानी फ्रैक्शनल शेयर। एक अमेज़न शेयर के लिए पूरा लाखों खर्च करने की जगह आप सिर्फ 1 डॉलर से भी हिस्सा खरीद सकते हैं। बहुत से नए निवेशक इसे पसंद करते हैं क्योंकि ऐप में रिसर्च,रेडी पोर्टफोलियो और आसान इंटरफ़ेस सब कुछ मिलता है।
US फोकस्ड म्यूचुअल फंड में भी कर सकते निवेश
अगर आप कागज़ी काम से दूर रहना चाहते हैं, तो US इंडेक्स पर आधारित भारतीय म्यूचुअल फंड और ईटीएफ अच्छा विकल्प हैं। इनमें S&P 500, नैस्डैक 100 जैसे बड़े इंडेक्स या यूएस टेक सेक्टर थीम पर पैसा लगाया जाता है। फायदा यह कि आप रुपए में ही निवेश करते हैं और मुद्रा विनिमय का काम फंड हाउस करता है। हालांकि कभी-कभी विदेशी निवेश की सीमा पूरी होने पर ये फंड नई इन्वेस्टमेंट रोक भी देते हैं।
गुजरात के गिफ्ट सिटी में IFSC ब्रोकर्स के जरिए भी US स्टॉक्स में निवेश किया जा सकता है। कई ब्रोकर्स अब यहां से कम ब्रोकरेज और कम कनवर्ज़न लागत पर अमेरिकी बाजारों तक पहुंच दे रहे हैं। रिमिटेंस भी आसान और फीस कम होने के कारण यह रास्ता तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
आख़िर फैसला किस आधार पर लें?
अगर आपको खुद ट्रेड करना पसंद है,तो ब्रोकरेज ऐप या ग्लोबल प्लेटफ़ॉर्म ठीक हैं। हैंड्स-ऑफ निवेश चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड्स चुनें। खर्च कम रखना है तो गिफ्ट सिटी बेहतर विकल्प हो सकता है। बस याद रखें-मुद्रा विनिमय चार्ज,प्लेटफ़ॉर्म फीस और टैक्सेशन को समझकर ही निवेश करें।
US स्टॉक्स पर कैपिटल गेन्स भारत में टैक्सेबल है और डिविडेंड पर अमेरिका पहले ही टैक्स काटता है।
(प्रियंका कुमारी)