Defence Shares: डिफेंस शेयरों में दो दिनों से क्यों हो रही है गिरावट? 5 बिंदुओं में समझें इसकी वजह

Defence Shares: कई दिनों की तेजी के बाद बीते दो दिनों से डिफेंस शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। जानते हैं इसकी कुछ संभावित वजहें।

Updated On 2025-07-11 17:30:00 IST

डिफेंस शेयरों में दो दिन से गिरावट दर्ज की गई है। 

Defence Shares: भारतीय शेयर बाजार में दो दिनों डिफेंस सेक्टर शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। यह गिरावट तीन महीनों की तेजी के बाद आई इस दौरान कुछ कंपनियों के शेयर 80–84% तक चढ़ गए थे। अचानक हुई इस रिकवरी और ऊँची कीमतों के कारण निवेशकों ने मुनाफा बुकिंग तेज कर दी है। दो दिनों से इंवेस्टर्स प्रॉफिट बुकिंग करते नजर आ रहे हैं।

बता दें कि से BDL, GRSE, BEML, Mazagon Dock और HAL जैसे पब्लिक सेक्टर यूनिट्स में गिरावट रही, जिससे Nifty India Defence Index में करीब 2% की गिरावट आई। विशेषज्ञों का कहना है कि हालिया वैश्विक तनाव में कमी और कोई नया ठोस सरकारी ऑर्डर न मिलने से भी इस गिरावट में योगदान रहा है।

गिरावट के 5 प्रमुख कारण

1. तीन महीने की रैली के बाद मुनाफा बुकिंग

निवेशकों ने तेज रेवेन्यू वृद्धि और सरकारी ऑर्डर की उम्मीदों के चलते पहुँच चुकी ऊंची कीमतों पर मुनाफा निकालना शुरू कर दिया। यह प्रोसेस मजबूत हुई क्योंकि कुछ स्टॉक्स ने 80‑84% तक की बढ़ोतरी देखी थी।

2. भारी वैल्यूएशन की चिंता

Motilal Oswal ने BDL पर ‘neutral’ रेटिंग दी क्योंकि कंपनी अपने उच्च P/E अनुपात (लगभग 60x) को सही ठहरा पाने में अक्षम साबित हो रही थी। इससे निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।

3. भू-राजनीतिक तनाव में कमी

इज़राइल–ईरान जैसी स्थितियों में तनाव की कमी से निवेशकों का डर कम हुआ, जिससे रक्षा सेक्टर की सेंटीमेंट कमजोर पड़ गई है। मुद्रा झटकों और तनाव से पहले की धारणा में बदलाव आया।

4. नो न्यू कॉन्ट्रैक्ट

हाल ही में कोई नया बड़ा सरकारी रक्षा ऑर्डर या बजट घोषणा नहीं हुई, जिससे सेक्टर में आगे की रणनीति अस्पष्ट दिखी। इस वजह से निवेशकों की दिलचस्पी कुछ ठंडी पड़ी।

5. तकनीकी कमजोरी और व्यापक बाजार बेरौनक

Nifty India Defence Index ने 8,500 का समर्थन स्तर नहीं बनाए रखा, जिससे तकनीकी खरीददार पीछे हटे और व्यापक बाजार में नकारात्मक भावना फैल गई। इसमें लगभग 17 of 18 स्टॉक्स गिरावट में थे।

क्या अब इन्वेस्टर्स को बेच देना चाहिए?

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी मूल्य बहुत ऊँचे हैं, और आगे गिरावट हो सकती है, इसलिए “book-on-dip” रणनीति अपनाई जानी चाहिए।

वहीं, कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत सरकार के “Make in India” और “Atmanirbhar Bharat” जैसे टेंड्स, साथ ही Rs 16 ट्रिलियन का ओर्डर पाइपलाइन रक्षा स्टॉक में मध्य‑दीर्घकालिक निवेश के लिए सकारात्मक संकेत हैं।


(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है. हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले मार्केट एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें।)

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