Car Tips: हैजर्ड लाइट का क्या है मकसद? जानें ड्राइविंग के समय कब करना चाहिए उपयोग
Car Tips: ज्यादातर लोग बारिश या धुंध में गाड़ी चलाते समय हैजर्ड लाइट चालू कर देते हैं, जबकि ऐसा करना गलत है। फ्लैशिंग लाइट्स पहले से ही कम विजिबिलिटी वाली स्थिति में भ्रम पैदा करती हैं।
Car Tips: अब हैजर्ड लाइट्स सिर्फ कारों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि अब इन्हें कई दोपहिया वाहनों में भी शामिल किया जाने लगा है। इन्हें अक्सर ‘वार्निंग लाइट’ भी कहा जाता है, जिनका उद्देश्य सड़क पर अन्य वाहन चालकों को सतर्क करना होता है। लेकिन दुर्भाग्यवश, अधिकांश लोग इसका सही इस्तेमाल नहीं जानते, जिसकी वजह से वे इन लाइट्स का गलत तरीके से प्रयोग करते हैं।
हैजर्ड लाइट का मकसद क्या है?
हैजर्ड लाइट एक जरूरी सेफ्टी फीचर है, जिसका काम वाहन की दृश्यता यानी विजिबिलिटी को बढ़ाना है। जब आप इसे ऑन करते हैं, तो वाहन के सभी इंडिकेटर एक साथ फ्लैश करने लगते हैं। इससे आपकी गाड़ी दूर से ही नजर आती है, खासकर किसी आपात स्थिति में।
कब नहीं जलानी चाहिए हैजर्ड लाइट?
बहुत से लोग बारिश या धुंध में गाड़ी चलाते समय हैजर्ड लाइट चालू कर देते हैं, जबकि ऐसा करना गलत है। फ्लैशिंग लाइट्स पहले से ही कम विजिबिलिटी वाली स्थिति में भ्रम पैदा करती हैं। साथ ही, जब हैजर्ड लाइट चालू होती है, तब टर्न इंडिकेटर काम नहीं करते, जिससे पीछे आ रहे ड्राइवर को यह नहीं पता चलता कि आप किस दिशा में मुड़ने वाले हैं। यह स्थिति हादसे को न्योता दे सकती है।
सही स्थिति में कब करें इसका उपयोग?
1. दुर्घटना या रुकावट के समय
यदि आप सड़क पर किसी एक्सीडेंट या ट्रैफिक ब्लॉक की वजह से गाड़ी धीमी कर रहे हैं या रोक रहे हैं, तो हैजर्ड लाइट ऑन करें ताकि पीछे से आ रहे वाहन सतर्क हो जाएं।
2. गाड़ी खराब होने पर
अगर आपकी गाड़ी अचानक खराब हो जाए, जैसे टायर पंचर हो या ईंधन खत्म हो जाए, और आपको उसे सड़क किनारे खड़ा करना पड़े — तो हैजर्ड लाइट ऑन करके दूसरों को आगाह करें।
3. काफिले में चलने के दौरान
किसी काफिले या धीमी रफ्तार में जब आप आगे-पीछे चल रहे हों, हैजर्ड लाइट ऑन करना दूसरों को सावधान रहने का संकेत देता है।
4. ब्रेक फेल होने की स्थिति में
अगर वाहन के ब्रेक फेल हो जाएं, तो हैजर्ड लाइट ऑन करके दूसरे वाहनों को संकेत दें कि आपकी गाड़ी में तकनीकी गड़बड़ी है।
हैजर्ड लाइट एक महत्वपूर्ण और उपयोगी सेफ्टी फीचर है, लेकिन इसका इस्तेमाल केवल असली आपात स्थितियों में ही किया जाना चाहिए। गलत समय पर इसका प्रयोग न केवल दूसरों के लिए, बल्कि आपके लिए भी गंभीर खतरे का कारण बन सकता है।
(मंजू कुमारी)