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MP Politics News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उज्जैन में अनोखा अंदाज सामने आया। सीएम ने क्षिप्रा में डुबकी लगाई और तैराकी भी की। सीएम ने एक्स पर फोटो साझा कर लिखा-'त्रिभुवन वंदिता शिप्रा...' CM आयुष्मान लाभ विस्तार अभियान में भी शामिल हुए।

MP Politics News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का फिर अनोखा अंदाज सामने आया। उज्जैन में सीएम ने गुरुवार शिप्रा में डुबकी लगाई और तैराकी भी की। मुख्यमंत्री ने कहा, 'कल से यहां पंचकोशी की बड़ी परिक्रमा प्रारंभ होगी। उज्जैन में हमारी सरकार द्वारा किए गए काम के कारण पूरे साल नदी में जल मिल रहा है। मुझे इस बात का संतोष है। आज से 20 साल पहले यहां नवंबर-दिसंबर के बाद पानी नहीं मिलता था।

शिप्रा की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए 
स्नान के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन की पहचान मां शिप्रा से है। बाबा महाकाल की नगरी में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। मां शिप्रा के पावन तट पर हमारी परंपरा है कि स्नान के बाद यहां अपने तीर्थ की महत्ता बढ़ाएं। सीएम ने आगे कहा कि बड़ा दुख होता है कि कभी-कभी लोग मां शिप्रा पर प्रश्न करते हैं। हम सब जानते हैं कि यह मां का तट है, इसकी पवित्रता बना कर रखना चाहिए।  

70 साल से अधिक बुजुर्गों के भरवाए आयुष्मान फॉर्म 
बता दें कि मोहन यादव फ्रीगंज इलाके में आयुष्मान लाभ विस्तार अभियान में शामिल हुए। सीएम ने 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत के तहत फॉर्म भरवाए। नव मतदाता और लाभार्थियों से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक, सीएम हीरामिल रोड स्थित मनोरमा गार्डन में उज्जैन उत्तर विधानसभा के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। 

कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार ने किया था विरोध 
बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी महेश परमार ने शिप्रा में गंदे नाले का पानी मिलने का विरोध किया था। महेश परमार नाले के पास ही बैठ गए थे और दुर्गंध वाले पानी के शिप्रा में मिलने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर प्रश्न उठाए थे। इसके बाद परमार ने गंदे नाले के पानी के कारण मैली हो रही मां शिप्रा में ही डुबकी लगाई थी। पानी का आचमन कर सूर्य को अर्ध्य भी चढ़ाया था। महेश परमार द्वारा केंद्र और राज्य सरकार पर शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर उठाए गए प्रश्न के बाद आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव रामघाट पहुंचे जहां उन्होंने मां शिप्रा को पावन और स्वच्छ बताते हुए डुबकी लगाई। 

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