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Chartered flight Dubai Jamaica: दुबई से 253 भारतीय यात्रियों को लेकर पहुंचे एक चार्टर्ड प्लेन को जमैका से वापस लौटा दिया गया। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। मामला बीते गुरुवार का है, लेकिन अब सामने आया है।

Chartered flight Dubai Jamaica: दुबई से 253 भारतीय यात्रियों को लेकर पहुंचे एक चार्टर्ड प्लेन को जमैका से वापस लौटा दिया गया। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया बीते गुरुवार को यह प्लेन जमैका में लैंड हुआ था। इस पर सवार सभी भारतीय यात्रियों के पास पहले से ट्रैवेल और होटल बुकिंग भी था। हालांकि जमैका के अधिकारी यात्रियों की ओर से दिखाए गए डॉक्यूमेंट्स से संतुष्ट नहीं हुए। इन सभी को यात्रियों को 7 मई को दुबई वापस भेज दिया गया।

ट्रैवेल डॉक्यूमेंंट्स में मिली गड़बड़ियां
हालांकि, जमैका की मीडिया के मुताबिक, किंग्स्टन के नॉर्मन मैनली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अफसरों ने प्लेन पर सवार भारतीयों के ट्रैवेल डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ियां पाई थी। चार्टर्ड प्लेन पर 253 भारतीय और कुछ विदेशी यात्री सवार थे। प्लेन से पहुंचे सभी यात्रियों ने पांच दिन के दौरे पर जमैका पहुंचने का दावा किया था। हालांकि, लेकिन इनमें से कई पैसेंजर्स के पास सिर्फ एक दिन का ही ट्रैवल डॉक्टयूमेंट्स पाया गया था। ट्रैवेल डॉक्टयूमेंट्स पूरे नहीं होने की वजह से चार्टर्ड प्लेन में सवार पैसेंजर्स को जमैका में एंट्री की इजाजत नहीं दी गई। हालांकि, उन्हें किंग्स्टन शहर के आरओके होटल में अस्थायी रूप से रहने की अनुमति दी गई थी।

पता नहीं चला क्यों जमैका पहुंचे थे ये भारतीय
जमैका की मीडिया की मुताबिक, इस चार्टर्ड प्लेन से पहुंचे लोगों की यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है। कुछ यात्री कथित तौर पर एक आवास परियोजना के लिए निकारागुआ जा रहे थे। वहीं, कुछ पैसेंजर  कनाडा जाने की योजना बना रहे थे। जमैका सरकार ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इन पैंसेजर्स के जमैका आने का मकसद क्या था। चूंकि जमैका अमेरिका के बेहद करीब है, ऐसे में यह संदेह जाहिर किया जा रहा है कि प्लेन में सवार लोग अवैध ढंग से अमेरिका जाने की तैयारी में थे। 

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शक में जांच शुरू
जमैका की पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इस फ्लाइट से ह्यूमन ट्रैफिकिंग की कोशिश तो नहीं की जा रही थी। विदेश मंत्रालय ने भी इस बात को लेकर कोई बयान नहीं दिया है कहीं प्लेन में सवार लोग अवैध ढंग से अमेरिका में घुसने की कोशिश तो नहीं कर रहे थे।अब इसकी तुलना बीते साल सामने आए "डंकी फ्लाइट" के मामले से की जा रही है। बता दें, कि अक्सर पंजाब के प्रवासियों द्वारा अमेरिका या दूसरे पश्चिमी देशों मे घुसने के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के तरीके से जंगली रास्तों और गैर कानून ढंग से बॉर्डर क्राॅस कर अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में घुस जाते हैं।

बीते साल भी सामने आया था ऐसा ही मामला
पिछले साल भी ही ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब दुबई से निकारागुआ जा रही एक चार्टर्ड प्लेन को को फ्रांस के एक एयरपाेर्ट पर  रोक दिया गया था। यूएससी एयरो द्वारा संचालित, उड़ान में 276 भारतीय यात्री सवार थे। इन सभी भारतीय यात्रियों को वापस इंडिया डिपोर्ट कर दिया गया था। फ्रांस में रोके जाने से पहले यह प्लेन इजिप्ट के काहिरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी उतरा था। भारतीय जांच एजेंसियां इस मामले की जांच शुरू की कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। पाया गया था कि 20 से 25 लाख रुपए लेकर लोगों को गैर कानूनी ढंग से विदेश भेजने के लिए एक इंटरनेशनल रैकेट काम कर रहा है। 

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