कौन हैं भद्रा, इसका काल अशुभ क्यों होता है ?
कौन हैं भद्रा, इसका काल अशुभ क्यों होता है ?
रक्षाबंधन सोमवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का साया मडरा रहा है। भद्रा का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं।
आइए जानते हैं कि आखिर ये भद्रा कौन है, जो हर बार भाई-बहन के रिश्तों में खलल डालने आ जाती है।
भद्रा के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान सूर्य और छाया की पुत्री और शनिदेव की बहन है। यह अपने भाई शनिदेव की तरह ही खतरनाक है।
शनि की बहन हर शुभ कार्य में बाधा डालने का कार्य करती है। हालांकि ब्रम्हाजी ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए पंचांग के प्रमुख अंग विष्टिकरण में स्थान दिया था।
उन्होंने कहा कि भद्रा लगी होने पर कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। लेकिन तंत्र-मंत्र की पूजा और कोर्ट-कचहरी का कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ नहीं माना जाएगा।
भद्रा के समय अशुभ प्रभावों से बचने के लिए प्रात:काल उठकर इन 12 नामों का स्मरण करने से सारे दोषों का नाश होता है।
भद्रा के दौरान लेने वाले 12 नाम धान्या, दधिमुखी, भद्रा, महामारी, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली, असुर क्षयकारी, खरादना, कालरात्रि, महारुद्रा और विष्टि हैं।
Bhadra Nakshatra: रक्षाबंधन सोमवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का साया मडरा रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर ये भद्रा कौन है, जो हर बार भाई-बहन के रिश्तों में खलल डालने आ जाती है।
Bhadra Nakshatra: रक्षाबंधन सोमवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का साया मडरा रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर ये भद्रा कौन है, जो हर बार भाई-बहन के रिश्तों में खलल डालने आ जाती है।








