UP में नई ट्रांसफर नीति: योगी कैबिनेट में पारित किए गए 41 प्रस्ताव, इसमें जल संसाधन विभाग के 26

CM Yogi Adityanath
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उत्तर प्रदेश में मंगलवार को योगी सरकार की पहली पेपरलेस कैबिनेट बैठक हुई। टैबलेट के साथ आए मंत्रियों ने न्यू ट्रांसफर नीति सहित 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी। जिसमें 26 प्रस्ताव जल संसाधन विभाग के शामिल हैं।

UP Transfer Policy: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इसमें तबादला नीति 2024-25 को भी मंजूरी मिल गई। लोकसभा चुनाव के बाद योगी कैबिनेट की पहली बैठक में कुल 41 प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें से 26 जल संसाधन विभाग के हैं।

योगी सरकार की यह पहली पेपरलेस कैबिनेट बैठक थी। सभी मंत्री टैबलेट के साथ बैठक में शामिल हुए। तय एजेंडा और प्रस्ताव भी उन्हें ऑनलाइन टेबलेट पर प्राप्त हुए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि यूपी सरकार ने नई तबादला नीति को स्वीकृति दी है। इसके तहत 30 जून तक ट्रांसफर होंगे।

यह कर्मचारी होंगे चिह्नित
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया, ऐसे कर्मचारी जो जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल नौकरी कर चुके हैं, उन्हें ट्रांसफर की कैटेगरी में शामिल कर समूह क और ख के आधार पर 20 प्रतिशत अफसरों और समूह ग और घ के 10 प्रतिशत कर्मचारियों का ट्रांसफर विभाग अध्यक्ष करेंगे। संख्या इससे ज्यादा होने पर विभागीय मंत्री से अनुमति लेनी होगी। सबसे पहले वह कर्मचारी ट्रांसफर किए जाएंगे, जो लंबे समय से एक जगह पदस्थ हैं।

मानव संपदा पोर्टल से होंगे तबादले
यूपी में सी और डी ग्रुप के कर्मचारियों के तबादले अब मानव संपदा पोर्टल के आधार पर किए जाने का निर्णय लिया गया है। वेतनवृद्धि से एक दिन पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाएगा।

बुंदेलखंड की 26 परियोजनाएं
बैठक में बुंदेलखंड की 50 में से 26 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि स्वीकृति परियोजनाओं की कुल लागत 10858 करोड़ है। इनमें 1394 करोड़ की वृद्धि भी की गई है। दो माह में सभी परियोजनाओं को पूरा कर दिया जाएगा।

हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विवि
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करने के साथ हर मंडल में सरकारी विश्वविद्यालय को मंजूरी दी गई है। बरेली में हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विश्वविद्यालय खोलने व मुरादाबाद विवि का नाम गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय करने का निर्णय लिया गया है।

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