एक अटूट प्रेम कहानी: उम्रभर साथ जीए...संयोग ऐसा कि अंतिम सफर भी साथ-साथ

Ghazipur Kameshwar Upadhyay
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Ghazipur Kameshwar Upadhyay
गाजीपुर में रिटायर लेखपाल कामेश्वर उपाध्याय के पत्नी चम्पा की शनिवार, 9 नवंबर को वाराणसी में मौत हो गई। कामेश्वर सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए और जमीन पर गिर गए।

UP News : उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में दुखद घटना सामने आई है। पति-पति के अटूट प्रेम की कहानी सुनकर आपका दिल भी भर उठेगा। जीवनभर साथ निभाने वाले दंपती अंतिम यात्रा पर भी साथ निकले। पत्नी की मौत की खबर सुनते ही पति का शरीर भी छूट गया। पत्नी के निधन के एक घंटे बाद पति भी अनन्त यात्रा पर चले गए। दोनों की अर्थी भी एक साथ सजाई गई। पार्थिव शरीर भी एक वाहन पर सवार हुए। दंपती एक ही चिता पर अग्नि में समाहित हो गए। पति-पत्नी के अनंत प्रेम की कहानी गाजीपुर (UP) के साधोपुर गांव की है।

पत्नी का वाराणसी में इलाज के दौरान निधन
साधोपुर गांव के रहने वाले लेखपाल पद से रिटायर कामेश्वर उपाध्याय (87) और उनकी पत्नी चंम्पा उपाध्याय (85) पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। वाराणसी में चम्पा में इलाज चल रहा था, जबकि कमेश्वर को आराम होने पर घर ले आया गया। शनिवार को वाराणसी के एक हॉस्पिटल में इलाज के दौरान चम्पा का निधन हो गया। चम्पा अब दुनिया में नहीं रहीं...यह खबर सुनते ही पति कामेश्वर उपाध्याय जमीन पर गिरे और उनके भी प्राण निकल गए।

गंगा तट पर एक साथ संस्कार
दोनों की मौत से घर में मातम छा गया। मां के शव को वाराणसी से गांव लाया गया। बुजुर्ग दंपती की एक साथ अर्थी सजाई गई। दोनों का गांव के सामने गंगा तट किनारे दाह संस्कार एक ही चिता पर किया गया।

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कामेश्वर उपाध्याय का परिवार
कामेश्वर उपाध्याय चार भाई थे। वह चारों में सबसे छोटे थे। कामेश्वर के तीन बेटे हैं। बडे़ बेटे दयानंद यूपी पुलिस में हैं। मझले बेटे शिवजी उपाध्याय परमाणु ऊर्जा विभाग में सीनियर मैनेजर हैं। जबकि, छोटे मृत्युंजय सीआरपीएफ‌ में पदस्थ हैं।

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