राजस्थान में सिकल सेल एनीमिया का कहर, बांसवाड़ा में मिले 692 मरीज, 9 लाख से ज्यादा की स्क्रीनिंग

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यह बीमारी रेड ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी है।
यह बीमारी रेड ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी है। यह खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को बुरी तरह प्रभावित करती है। ऐसे में शरीर में Red Blood Cell की कमी हो जाती है। शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती।

Rajasthan News: राजस्थान के आदिवासी इलाके में गंभीर आनुवांशिक बीमारी सिकल सेल एनीमिया पैर पसार रखा है। बांसवाड़ा जिले में इस रोग से प्रभावित (पॉजिटिव) लोगों की संख्या 692 पहुंच गई है। इसमें सभी उम्र के लोग शामिल है। बांसवाड़ा में अब तक 9 लाख 57 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, इनमें 692 लोग पॉजिटिव आए हैं। चिकित्सा विभाग उनकी लगातार मॉनिटिरिंग भी कर रहा है।

शादी से पहले पार्टनर की स्क्रीनिंग कराएं
बता चिकित्सा विभाग ने जागरूकता अभियान चला रखा है। जिन्हें यह बीमारी नहीं है, वे पॉजिटिव पार्टनर से शादी नही करने की सलाह दी गई है। ताकि उनके बच्चों में यह बीमारी न पहुंचे। शादी से पहले पार्टनर की स्क्रीनिंग कराए जाए। पॉजिटिव पाए गए मरीजों को इलाज दिया जा रहा है।

रेड ब्लड सेल कम होने से कई रोग हो जाते हैं
यह बीमारी रेड ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी है। यह खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को बुरी तरह प्रभावित करती है। ऐसे में शरीर में Red Blood Cell की कमी हो जाती है। शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती। तेज दर्द होने लगता है।

हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहना, हाथ पैरों में सूजन, थकान, कमजोरी, पीलापन, किडनी रोग, बच्चों में कुपोषण, आंखों से जुड़ी समस्याएं और इंफेक्शन जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं। माता-पिता में से कोई एक सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित है तो बच्चों में यह बीमारी आ सकती है।

बांसवाड़ा के सज्जनगढ़ इलाके में इस बीमारी का स्तर सबसे गंभीर है। इस रोग से पीड़ित महिला की उम्र 48 और पुरुष की 42 साल तक सीमित हो जाने का खतरा होता है।

जोधपुर की डीएमआरसी (डिजर्ट मेडिसिन रिसर्च सेंटर) ने इस इलाके में रिसर्च किया तो यह जानकारी सामने आई। इसके बाद सरकार ने सैंपलिंग कराई गई। बांसवाड़ा में अब तक की गई सैंपलिंग में सबसे ज्यादा 200 पॉजिटिव कुशलगढ़ में पाए गए। कुशलगढ़-सज्जनगढ़ आदिवासी इलाके हैं।

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