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मप्र सरकार ने इंदौर-भोपाल के बाद ग्वालियर-जबलपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की है। कानून व्यवस्था दुरुस्त करने मुख्यमंत्री का 15 दिन में यह दूसरा बड़ा निर्णय है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने पुलिस विभाग में नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने इंदौर-भोपाल के बाद अब ग्वालियर-जबलपुर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। बढ़ती आबादी व अपराधों के चलते ग्वालियर-जबलपुर में इसकी मांग की जा रही थी। 

क्या है पुलिस कमिश्नर व्यवस्था 
कमिश्नर प्रणाली पुलिस को अधिक पावरफुल होती है। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का निर्णय कमिश्नर अपने स्तर पर ले सकते हैं। इस व्यवस्था से पुलिस अफसरों को सिस्टम में सुधार और कार्रवाई में तेजी लाने में आसानी होती है। इससे पुलिस कमिश्नर मजिस्ट्रेट की भूमिका में आ जाते हैं। 

आईजी रैंक के IPS अफसर 
पुलिस कमिश्नर प्रणाली मप्र से पहले यूपी, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कई प्रदेशों में लागू थी। पिछली शिवराज सरकार ने मप्र के इंदौर व भोपाल में यह व्यवस्था एक साथ लागू की थी। सकारात्मक असर के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्वालियर और जबलपुर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। पुलिस कमिश्नर के पद पर आईजी रैंक के  IPS अधिकारी पदस्थ किए जाते हैं। डीजीपी के बाद यह विभाग में यह सर्वाधिक पावरफुल होते हैं। 

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