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मध्यप्रदेश के भिंड में एक दर्दनाक मामला सामने आया है। इलाज में लापरवाही के कारण जिला अस्पताल में महिला और नवजात की मौत हो गई। परिजन ने हंगामा कर दिया। मामले में ड्यूटी नर्स को सस्पेंड कर दिया है। कलेक्टर ने मजिस्ट्रयल जांच के आदेश दिए हैं।

भोपाल। वर्षों की मन्नतों के बाद मां की कोख में बेटा आया। महिला इतनी खुशी थी कि पूछो मत। 9 माह तक महिला ने खुद से ज्यादा बच्चे का ख्याल रखा। महिला की खुशी का ठिकाना इसलिए भी नहीं था क्योंकि तीन बेटियों के बाद बेटे की चाहत पूरी होने जा रही थी। लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण खुशियां मातम में बदल गईं।

बुधवार को महिला को प्रसव पीड़ा उठी। परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। दिनभर महिला भर्ती रही, लेकिन डॉक्टर-नर्सों ने ठीक से इलाज नहीं किया, जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ती गई। परिजन गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुना। आखिर में महिला और नवजात के प्राण निकल गए। परिवार की खुशियों पर मातम छा गया। तीनों मासूम लड़कियां भी भाई की मौत की खबर सुन बिलख उठीं। 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल लेकर आए थे
भिंड के फूप कस्बे की रहने वाली रेखा पत्नी चरण को प्रसव दर्द मंगलवार-बुधवार की रात को होना शुरू हुआ। महिला के परिजन जन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूप लेकर पहुंचे। यहां से बुधवार की सुबह दस बजे बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए। महिला को दिनभर जिला अस्पताल में भर्ती रखा। महिला की रात में अचानक तबियत खराब हो गई। रेखा की सास का कहना है कि वह बार-बार ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स राजकुमारी से उचित उपचार के लिए गुहार लगाती रही। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। 

'मेरा तो सबकुछ बर्बाद हो गया'
भिंड में रहने वाले चरण सिंह की पत्नी रेखा की तीन लड़कियां पहले से थी। चौथा प्रसव होने जा रहा था। चौथे प्रसव में लड़का हुआ। परिवार को एक लड़के का इंतजार था। मां ने बेटे के लिए अलग-अलग मंदिरों में मन्नतें मांगी थी। लेकिन बुधवार को इलाज में लापरवाही के कारण रेखा और उसके बच्चे की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया। तीनों मासूम लड़कियां मौत की खबर सुन बिलख उठीं। वहीं चरण सिंह ने कहा कि मुझे समय रहते बताया जाता तो मैं किसी दूसरे अस्पताल लेकर चला जाता। मेरा तो सब कुछ बर्बाद हो गया। मैं अकेला हो गया। 

मौत के बाद स्टाफ नर्स ने परिजनों से कहा ग्वालियर ले जाओ 
बता दें कि रेखा शाक्य (35) को बुधवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत रात 2 बजे बिगड़ गई। परिजन इलाज के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने नहीं सुना। एक घंटे बाद महिला की मौत होने पर स्टाफ नर्स उसे प्रसव पार्ड में लेकर गई। कुछ देर बाद नर्स ने परिजनों से महिला को ग्वालियर ले जाने की बात कही। जब परिजनों ने रेखा को देखा तो उसकी मौत हो गई थी। परिजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। मौके पर पुलिस पहुंच गई। जानकारी लगते ही भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए। साथ ही ड्यूटी नर्स को सस्पेंड कर दिया है।  

मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो चुके हैं  
सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल ने बताया कि इस पूरे मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो चुके हैं। स्टाफ नर्स राजकुमारी वो निलंबित किया गया है। भिंड कलेक्टर कार कहना है कि जच्चा-बच्चा की मौत को लेकर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए गए हैं। स्टाफ नर्स को भी सस्पेंड किया गया है।

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