मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका: कमलनाथ के गढ़ में भाजपा ने लगाई सेंध, छिंदवाड़ा के सात पार्षदों ने थामा BJP का दामन

Left Congress and joined BJP
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नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बंगले पर सभी पार्षदों को सदस्यता दिलाई।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लगातार विकेट गिरते जा रहे हैं। अब कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। छिंदवाड़ा नगर निगम के सात कांग्रेस पार्षदों ने BJP जॉइन कर ली। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सभी को सदस्यता दिलाई।

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। छिंदवाड़ा नगर निगम के सात पार्षदों ने भोपाल में भाजपा जॉइन कर ली। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार रात को अपने बंगले पर सभी को सदस्यता दिलाई। भाजपा का दामन थामने के बाद पार्षदों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। कई दिनों से छिंदवाड़ा के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे। डेढ़ साल से हमारे कई बार कहने पर भी काम नहीं हो रहे थे। इसलिए मजबूरीवश सभी भाजपा में शामिल हुए हैं।

इन पार्षदों ने छोड़ा कांग्रेस का साथ
बता दें कि वार्ड क्रमांक 45 के धनराज भूरा भावरकर, लीना तरगाम-वार्ड 9, संतोषी वाडिवा-वार्ड 16, दीपा माहोरे-वार्ड 20, जगदीश गोदरे-वार्ड 23, रोशनी सल्लाम-वार्ड 1 और चंद्रभान उर्फ चंदू ठाकरे- वार्ड 33 ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा है। पार्षद जगदीश का कहना है कि नगर निगम में कांग्रेस अल्पमत में आ गई है। अब कांग्रेस को अध्यक्ष पद से हटना पड़ेगा। निगम में बीजेपी का अध्यक्ष बैठेगा।

पांढुरना के पार्षदों ने छोड़ी थी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। पहले नगर पालिका पांढुरना और अब नगर निगम छिंदवाड़ा के पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। इससे कांग्रेस को एक और झटका लगा है। कहा जा रहा है कि अभी और भी कई नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

अब कांग्रेस के 21 और भाजपा के 27 पार्षद
छिंदवाड़ा नगर निगम में कुल 48 वार्ड हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस के 27, भाजपा के 20 जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली थी। निर्दलीय चुने गए पार्षद ने बाद में कांग्रेस जॉइन कर ली थी। अब सात पार्षदों के पाला बदलने के बाद बीजेपी समर्थक पार्षदों की संख्या 27 हो गई है। कांग्रेस पार्षदों की संख्या घटकर 21 रह गई है। ऐसे में निगम में कांग्रेस अल्पमत में आ गई है।

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