Guna PG College Scam: गुना पीजी कॉलेज फीस घोटाला मामले में दिग्विजय सिंह की एंट्री, पूर्व सीएम ने बताया सबसे बड़ा स्कैंडल, FIR की मांग

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Guna PG College Scam: मध्यप्रदेश के गुना में कॉलेज छात्रों के साथ हुई फीस की धोखाधड़ी का मामला तूल पकड़ लिया है। फीस फर्जीवाड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कूद पड़े हैं।

Guna PG College Scam: मध्यप्रदेश के गुना में कॉलेज छात्रों के साथ हुई फीस की धोखाधड़ी का मामला तूल पकड़ लिया है। फीस फर्जीवाड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कूद पड़े हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे सबसे बड़ा स्केंडल बताया है। दिग्विजय सिंह ने फीस घोटाले के साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिए हैं। बता दें, यहां 700-800 छात्रों की करोड़ों रुपये की फीस के फर्जीवाड़े ने कॉलेज प्रबंधन के होश उड़ा दिये हैं।

छात्रों के होश उड़ गए
गुना के शासकीय पीजी कॉलेज में पढ़ने वाले सैंकड़ों छात्र- छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। बीए थर्ड ईयर, एमए फर्स्ट सेमेस्टर, एमए सेकंड सेमेस्टर, एमए थर्ड सेमेस्टर, एमए फोर्थ सेमेस्टर के छात्रों द्वारा ऑनलाइन फीस का भुगतान किया जा चुका है। बता दें, फीस को लेकर निर्धारित ऑनलाइन सेंटरों पर हर साल लगभग 20 लाख रुपये की फीस छात्र-छात्राओं द्वारा जमा की गई थी। लेकिन जब कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को नोटिस जारी करते हुए पूछा तो स्टूडेंट्स के होश उड़ गए।

छात्र बोले
छात्रों ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन के माध्यम से फीस जमा की है। उनके पास फीस जमा करने की रसीद भी है। उन्होंने फॉर्म के साथ कॉलेज में रसीद जमा की थी, लेकिन अब कॉलेज प्रबंधन ने उनसे फीस को लेकर जानकारी मांगी है। ऑनलाइन संस्थानों द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है।

दिग्विजय सिंह ने की FIR की मांग
वहीं इस मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी गुना में कॉलेज पहुंचकर छात्रों से बात की। दिग्विजय सिंह ने इसे सबसे बड़ा स्केंडल बताते हुए आरोपियों के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में कॉलेज प्रबंधन के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है।

प्राचार्य बोले- ऑनलाइन संस्थान ने किया फर्जीवाड़े
दिग्विजय सिंह ने कॉलेज के प्राचार्य से जानकारी ली है। कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि ऑनलाइन संस्थानों ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। किसी दूसरे की ID हैक कर के अपने खाते में फीस ट्रांसफर कर ली गई है। फीस को लेकर छात्रों से पहले भी पूछा गया था। प्राचार्य ने बताया की ऑनलाइन संचालकों द्वारा हर साल 18-19 लाख का घोटाला किया गया है।

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