Deepak Saxena emotional letter to Kamal Nath: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए विधायकी छोड़ने वाले पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने भी कांग्रेस छोड़ दी। कमलनाथ सरकार में प्रोमेट स्पीकर बनाए गए दीपक सक्सेना ने अपना इस्तीफ़ा पीसीसी अध्यक्ष की बजाय कमलनाथ को लिखा है। पूर्व मंत्री पूर्व मंत्री सक्सेना ने इस दौरान कमलनाथ को भावुक कर देने वाला पत्र लिखा है। अब तक दी गई जिम्मेदारियों का उल्लेख करते हुए आभार जताया। पूर्व मंत्री सक्सेना ने पत्र में आगे लिखा कि विशेष परिस्थितयों की चलते अब मैं यह जिम्मेदारियां संभाल पाने में असमर्थ हूं। 

दीपक सक्सेना के पत्र की मुख्य बातें 

  • पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने पत्र में कमलनाथ को कोट करते हुए लिखा, मुझ जैसे किसान पर भरोसा कर सक्रिय राजनीति में जोड़ने और परिवार का सदस्य बनाने के लिए मैं सदैव आभारी रहूंगा। 
  • दीपक सक्सेना ने बताया, आपके ने मुझे राजनीति में सक्रिय कर जिला सहकारी बैंक छिंदवाड़ा का अध्यक्ष, दो बार विधायक प्रतिनिधि, फिर विधायक उम्मीदवार, कांग्रेस सरकार दो बार मंत्री और प्रोमेट स्पीकर जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी। 
  • दीपक सक्सेना ने बताया कि 2003 के विधानसभा चुनाव चुनाव हारने के बाद भी आपके ने मुझ पर दोबारा भरोसा जताते हुए विधानसमा उम्मीदवार बनाया। इसके उन्होंने राजीव गांधी, सोनिया गांधी और कमलनाथ के प्रति आभार जताया। 
  • दीपक ने पत्र में लिखा कि वर्तमान परिस्थिति में मैं अपने दायित्वों का निर्वहन कर पाने में असमर्थ हूं। इस लिए विधायक प्रतिनिधि और संगठन के सभी पदों से त्याग-पत्र दे रहा हूं। 
Deepak Saxena With Kamal Nath


कौन हैं दीपक सक्सेना, क्यों छोड़ी कांग्रेस 
दीपक सक्सेना और कमलनाथ के 50 साल पुराने रिश्ते हैं। 1974 से वह कांग्रेस में सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। सात बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके। दो बार कांग्रेस सरकार में मंत्री और एक बार प्रोमेट स्पीकर जैसा अहम पद संभाला। छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल तक कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्ण पद संभाले। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते थे। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि बेटे अजय सक्सेना व अन्य समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता लेंगे। दीपक ने 2018 में कमलनाथ के लिए विधायकी पद छोड़ा था, तब से हाशिए पर हैं। उन्हें उम्मीद थी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन नकुलनाथ के नाम का ऐलान हो गया।