Who is Anand Rai : व्यापमं घोटाले व्हिसल ब्लोअर आनंद राय कांग्रेस में शामिल, जीतू पटवारी ने साझा की तस्वीरें 

Anand Rai joins Congress in Bhopal
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Anand Rai joins Congress in Bhopal
व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने शनिवार, 19 अक्टूबर को कांगेस ज्वाइन कर ली। भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भंवर जितेंद्र सिंह और जीतू पटवारी ने सदस्यता दिलाई।

Anand Rai joins Congress in Bhopal: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले का पर्दाफाश करने वाले व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने कांगेस ज्वाइन कर ली। शनिवार, 19 अक्टूबर को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के हाथों पर कांग्रेस की सदस्यता ली। आनंद राय इंदौर में शासकीय चिकित्सक थे, लेकिन चुनाव से पहले सरकार ने उन्हें निलंबित कर जेल भेज दिया गया था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आनंद राय की भंवर जितेंद्र सिंह से हाथ मिलाते तस्वीर साझा कर X पर लिखा-आज व्हिसल ब्लोअर आनंद राय आज कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़कर हमारे साथ आए हैं। उनके साहस और सत्य की लड़ाई में योगदान के लिए स्वागत करते हैं। साथ मिलकर हम भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को और मजबूत करेंगे।

कौन हैं आनंद राय?

  • आदंन राय पेशे से चिकित्सक हैं, लेकिन वह समाजसेवा और सियासत में काफी सक्रिय रहते हैं। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले के खुलासे में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। हरदा जिले के महेंद्रगांव में जन्मे आनंद राय 2005 से 2013 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)से जुड़े रहे, लेकिन व्यापमं घोटाले में खुलासों के चलते वह सरकार के निशाने पर आ गए।
  • आनंद राय 2003 से 2007 तक इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट रहे। इस दौरान हुई प्री मेडिकल टेस्ट और एडमिशन में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा किया। जिसके बाद कई नौकरशाहों और राजनेताओं के बच्चों का डॉक्टर बनने से वंचित होना पड़ा।
  • आनंद राय ने 2008 में व्यापमं घोटाले से जुड़े कई सबूत पेश किए थे। जिस आधार पर व्यापमं के सरगना जदगीश सागर सहित कई आरोपियों को जेल जना पड़ा था। जगदीश सागर आनंद का बैचमेट था, जो मेडिकल परीक्षा पास कराने और कॉलेज में एडमिशन कराने तक पूरा नेटवर्क चलाता था।
  • आनंद राय ने पीजी करने के बाद 2009 में मेडिकल टेस्ट परीक्षा में फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई थी, जांच में 280 प्रॉक्सी उम्मीदवार मिले। इसमें राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता के आरोप भी लगे। तत्कालीन शिक्षा मंत्री की गिरफ्तारी भी हुई।
  • जुलाई 2013 में घोटाले की जांच के लिए जनहित याचिका दायर की। जिसके बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित हुआ। उन्होंने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) के साथ नैदानिक ​​दवा परीक्षणों सहित 1000 से अधिक आरटीआई लगाए हैं।
  • आनंद राय मेडिकल परीक्षा के बाद मप्र की भर्ती परीक्षाओं में भी फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री से निज सचिव और एक मंत्री का नाम सामने आया था। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। नौकारी से भी निलंबित कर दिया गया।

आदिवासी युवाओं में अच्छी पकड़, दिग्विजय के करीबी
आनंद राय आदिवासी वर्ग में अच्छी पकड़ रखते हैं। खासकर मालवा निमाड़ में सक्रिय जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) की स्थापना में भी उनका अप्रत्यक्ष तौर पर बड़ा योगदान माना जाता है। 2018 के चुनाव में जयस और कांग्रेस के बीच समझौता कराने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। वह दिग्विजय सिंह के काफी करीबी माने जाते हैं।

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