Annual Function: प्रतिभालय के वार्षिकोत्सव में दिखा नृत्य कला के प्रति प्रेम और समर्पण, 102 कलाकार हुए शामिल

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प्रतिभालय के वार्षिकोत्सव में दिखा नृत्य कला के प्रति प्रेम और समर्पण
Annual Function: अनुग्रह और लयबद्धता का अद्भुत संगम प्रदर्शित करते हुए, प्रतिभालय आर्ट्स अकादमी के छात्री ने शनिवार, 14 दिसंबर 2024 को अपने 18वें वार्षिक उत्सव संस्कार में प्रस्तुति दी।

Annual Function: अनुग्रह और लयबद्धता का अद्भुत संगम प्रदर्शित करते हुए, प्रतिभालय आर्ट्स अकादमी के छात्री ने शनिवार, 14 दिसंबर 2024 को अपने 18वें वार्षिक उत्सव संस्कार में प्रस्तुति दी। गुरु डॉ. मंजु मणि हलवलने ‌द्वारा संकल्पित और कोरियोग्राफ किया गया यह कार्यक्रम भरतनाट्यम के सभी महत्वपूर्ण तत्वों - भाव, राग और ताल का सुंदर मिश्रण था। संस्कार में 4 से 42 वर्ष की आयु के 102 छात्रों ने आग लिया और अपने इस नृत्य कला के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाया।

शाम की शुरुआत 'नटेश काउतुवम' और 'नागा नृत्य' से हुई, जो भगवान शिव को समर्पित एक प्रस्तुति थी। इस उद्‌द्घाटन प्रस्तुति में अकादमी के वरिष्ठ छात्रों ने अगवान शिव और भारतीय परंपरा में पूजनीय नाग, सर्प देवता के विभिन्न गुर्णां को प्रदर्शित करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद संध्या वंदनम प्रस्तुत किया गया, जो हिंदू परंपरा में सूर्यास्त के समय की प्रार्थना का एक रूप है। इसके बाद तोडय मंगलं, जो कि कृतियों और पुष्पांजलि का संयोजन है, ने दर्शकों को एक अद्भुत दृश्य अनुभव प्रदान किया। इसके पश्चात अकादमी के नवोदित कलाकारों द्वारा प्रस्तुत 'आलारिषु ने दर्शकों को अपनी लयबद्धता और पाद-लक्षणों (फुटवर्क) से मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण दशावतारम' रहा, जिसमें छात्रों ने भगवान विष्णु के 10 अवतारों का चित्रण किया। इस प्रस्तुति ने अभिव्यक्ति (अभिनय) और नृत्य के माध्यम से दर्शकों को मत्स्य, कूर्म वराह, कृष्ण, राम, कल्कि, परशुराम, नरसिंह, वामन जैसे विभिन्न अवतारों की पौराणिक कहानियों की यात्रा कराई। इसके बाद 'जतिस्वरम' प्रस्तुत किया गया, जिसमें दर्शकों ने नृत्य और लाल का अद्भुत संगम देखा।

अकादमी के नन्हें कलाकारों ने 'मूषक वाहन' की प्रस्तुति दी, जो श्लोर्का और नृत्य का संयोजन था और भगवान गणेश और देवी देवताओं को समर्पित था। इसके बाद जूनियर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत 'तोडय मंगलं' ने फिर से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इसके बाद 'तिल्लाना प्रस्तुत किया गया, जिसकी जटिल कोरियोग्राफी और सटीक नृत्य ने माहौल को उत्साह से भर दिया। फिर 'सीता कल्याणम' प्रस्तुत किया गया, जो सीता के स्वयंवर पर आधारित एक सूक्ष्म नृत्य प्रस्तुति थी। इस प्रस्तुति में दिखाया गया कि कैसे विभिन्न राजकुमार सीता के योग्य बनने के लिए उपस्थित होते हैं, जिनमें रावण भी शामिल है, लेकिन केवल भगवान राम शिव धनुष पिनाक को तोड़कर विवाह की शर्त को पूरा करते हैं। इस प्रसंग को अकादमी के जूनियर कलाकारों ने बहुत ही सुंदरता से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति रामाष्टकम' रही, जिसने दर्शकों को भगवान राम की भक्ति में डुबो दिया। इसे वरिष्ठ कलाकारों ने कुशलतापूर्वक कोरियोग्राफ किया और शक्ति से भरपूर इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। अकादमी के अध्यक्ष विशाल हतवलने जी ने बताया की ये संस्था का वार्षिकोत्सव है जिसमें कलाकार पारंपरिक रूप में अरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति देते है। मुख्य अतिथि नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी और डा सुरेंद्र शुक्ला रहे।


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