बोर्ड सचिव ने सोनीपत में मारा छापा : 34 परीक्षक अनुपस्थित मिले, मूल्यांकन प्रक्रिया में अनियमितता के संकेत

Empty teachers desks at Kharkhodas marking centre.
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खरखौदा के मार्किंग सेंटर पर खाली पड़े शिक्षकों के डेस्क।
हरियाणा बोर्ड सचिव की छापेमारी में सोनीपत के मार्किंग सेंटर पर 34 परीक्षक गैरहाजिर मिले। 3 घंटे में 30 आंसरशीट चेक कर शिक्षक गायब हुए, कार्रवाई की जाएगी।

Board secretary raids Sonipat : हरियाणा में हाल ही में हुए 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित एक मार्किंग सेंटर में अचानक की गई छापेमारी के दौरान शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मुनीश नागपाल और उनकी टीम ने कई गंभीर अनियमितताएं पकड़ीं। इस छापेमारी में बोर्ड के विशेष दस्ते ने पाया कि सेंटर पर तैनात 34 परीक्षक अनुपस्थित थे, जो कि कुल कर्मचारियों का लगभग 50 फीसदी हिस्सा था। इसने मूल्यांकन की प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी का संकेत दिया है, जो कि विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित कर सकता था।

छापेमारी के दौरान मिली लापरवाही

सूत्रों के अनुसार इस छापेमारी में यह भी सामने आया कि कुछ परीक्षक मात्र 3 घंटे में 30 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करके अपने घर लौट गए थे, जबकि बोर्ड के नियम के मुताबिक हर परीक्षक को एक दिन में 30 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच पूरी करनी होती है। इसके अलावा, उप-परीक्षकों द्वारा की गई जांच के बाद उन कॉपियों का 10 प्रतिशत मूल्यांकन मुख्य परीक्षक द्वारा भी किया जाना आवश्यक है। लेकिन इस मौके पर बोर्ड के उड़नदस्ते को जो मिला, वह पूरी प्रक्रिया की गंभीरता को नजरअंदाज करने वाला था।

नियमों का उल्लंघन और जिम्मेदारी की घोर अनदेखी

मार्किंग सेंटर में होने वाली मूल्यांकन प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सभी छात्रों की कॉपियों की जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो, जिससे उनके भविष्य को प्रभावित न किया जाए। मगर 34 परीक्षकों का बिना सूचना के गायब होना इस प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसके अलावा, सिर्फ 3 घंटे में 30 उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करके टीचरों का चले जाना पूरी प्रक्रिया के प्रति लापरवाही की ओर इशारा करता है।

बोर्ड सचिव ने कहा- लापरवाही से मूल्यांकन की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है

डॉ. मुनीश नागपाल के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी के बाद बोर्ड प्रशासन ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की है। यह कार्रवाई उनके कार्य में अनियमितता और लापरवाही के कारण की जाएगी। बोर्ड सचिव ने कहा कि इस तरह की लापरवाही से मूल्यांकन की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। विभागीय स्तर पर इन कर्मचारियों के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस प्रकार की स्थिति से निपटा जा सके।

उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश भर में 78 केंद्र स्थापित

हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए प्रदेश भर में 78 केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक किया जा रहा है। लगभग 7030 अध्यापकों को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया है, और यह कार्य 22 अप्रैल तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, 12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य 3 अप्रैल से शुरू होकर 24 अप्रैल तक चलने वाला है, जिसमें लगभग 4812 प्राध्यापक शामिल होंगे।

परीक्षा परिणाम 45 दिनों के भीतर घोषित करने का लक्ष्य

हरियाणा बोर्ड ने फरवरी और मार्च 2025 में आयोजित 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के परिणाम की घोषणा के लिए एक समयसीमा भी तय की है। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा परिणाम लगभग 45 दिनों के भीतर घोषित किया जाएगा। बोर्ड सचिव ने यह भी कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके और परिणाम में पूरी पारदर्शिता बनी रहे।

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