हरियाणा पुलिस की सराहनीय पहल: सोनीपत में 15 सालों से गुमशुदा बेटी को परिवार से मिलवाया, नेहा की आंखों में खुशी के आंसू  

anti human trafficking unit reunites missing daughter neha
X
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने15 सालों से गुमशुदा बेटी को परिवार से मिलवाया।
महाराष्ट्र के वर्धा जिले से 15 सालों से गुमशुदा 22 साल की युवती नेहा को उसके परिवार से मिलवाया गया। नेहा 7 साल की उम्र में अपने माता-पिता से बिछड़ गई थी और पिछले 13 सालों से हरियाणा के सोनीपत जिले के सरकारी आश्रम बालग्राम में रह रही थी। 

Anti Human Trafficking Unit Haryana: हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाने की दिशा में एक और बड़ी सफलता हासिल की। महाराष्ट्र के वर्धा जिले से 15 सालों से गुमशुदा 22 साल की युवती नेहा को उसके परिवार से मिलवाया गया। नेहा 7 साल की उम्र में अपने माता-पिता से बिछड़ गई थी और पिछले 13 सालों से हरियाणा के सोनीपत जिले के सरकारी आश्रम बालग्राम में रह रही थी।

युवती ने पुलिस से किया था भावुक निवेदन

पंचकूला यूनिट के एएसआई राजेश कुमार ने जब बालग्राम का दौरा किया, तो नेहा ने उनसे भावुक होकर कहा कि सर, मैं यहां 13 सालों से हूं और मुझे नहीं पता कि मेरे माता-पिता कहां हैं। कृपया उन्हें ढूंढने में मेरी मदद करें। इस मार्मिक निवेदन के बाद, एएचटीयू टीम ने नेहा की काउंसिलिंग कर उसके परिवार से जुड़ी संभावित जानकारियां जुटाईं।

काफी प्रयास और संवेदनशीलता से मिली सफलता

काउंसिलिंग के दौरान नेहा ने बताया कि उसके गांव में बुजुर्ग अलग तरह की टोपी पहनते थे और घर के पास दो गलियां थीं। इन सुरागों के आधार पर पुलिस ने महाराष्ट्र के वर्धा जिले में जांच शुरू की। पुलिस को पता चला कि नेहा की गुमशुदगी का मामला 2010 में वर्धा जिले में दर्ज हुआ था। इस जानकारी के आधार पर नेहा के परिवार का पता लगाया गया। वीडियो कॉल के जरिए नेहा की पहचान उसके भाई अनिकेत और अन्य परिजनों से करवाई गई। परिजनों ने अपनी बेटी को पहचानते ही खुशी और आंसुओं के बीच हरियाणा पुलिस का धन्यवाद किया। सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताओं के बाद, नेहा को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, सोनीपत की देखरेख में परिवार को सौंपा गया।

पुलिस के प्रयासों की प्रशंसा, बच्चों के आधार कार्ड को लेकर किया जागरूक

पुलिस के इस सराहनीय काम की प्रशंसा करते हुए एडीजीपी ममता सिंह ने कहा कि हर माता-पिता को अपने बच्चों का आधार कार्ड अवश्य बनवाना चाहिए और उसे समय-समय पर अपडेट कराना चाहिए। उन्होंने आम जनता से अपील की कि गुमशुदा बच्चों या नकली आधार कार्ड की जानकारी पुलिस को तुरंत दें।

नेहा ने बताया जीवन बदलने का अनुभव

नेहा, जो वर्तमान में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है, ने हरियाणा पुलिस के प्रयासों को अपनी नई जिंदगी की वजह बताया। उसने कहा कि वह अब अपने माता-पिता के साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार है। हरियाणा पुलिस के प्रयासों ने न केवल नेहा को उसके परिवार से मिलवाया, बल्कि कई गुमशुदा बच्चों के परिजनों के लिए भी उम्मीद की किरण जगाई है।

ये भी पढ़ें:दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीएचडी और पीजी सीटों में बढ़ोतरी, यहां जानें नए बदलाव?

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story