वीआईपी हल्का बना डबवाली: नए राजनीतिक समीकरणों पर सबकी नजर, देवीलाल परिवार के लिए बनी रणभूमि 

Om Prakash Chautala, Digvijay Chautala and Aditya Chautala.
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ओमप्रकाश चौटाला, दिग्विजय चौटाला व आदित्य चौटाला।
डबवाली विधानसभा क्षेत्र इस बार चौधरी देवीलाल परिवार के सदस्यों की चुनावी रणभूमि बनने जा रहा है। इसकी शुरुआत हो चुकी है और अभी यहां चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्म है।

सुभाष सेठी, सिरसा: हरियाणा के पश्चिमी छोर पर बसा डबवाली विधानसभा क्षेत्र इस बार चौधरी देवीलाल परिवार के सदस्यों की चुनावी रणभूमि बनने जा रहा है। इसकी शुरुआत हो चुकी है और अभी यहां चुनावी माहौल पूरी तरह से गर्म है। चर्चाओं और अफवाहों का बाजार भी यौवन पर है। अटकलों और संभावनाओं की भी यहां भारी चर्चा है। चर्चाओं के इस बाजार में अब यह चर्चा उठ रही है कि यदि अदालत से अनुमति मिली तो वरिष्ठ इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला डबवाली से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

2029 तक नहीं लड़ सकते चुनाव

चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दिग्विजय सिंह चौटाला इस मुद्दे पर खुलकर बोलते हुए कहा कि चौटाला साहब और अजय सिंह चौटाला 2029 तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते। कुछ लोग इस मामले में भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। यह वह लोग हैं जिनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है। इनके ज्यादा लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को खिसकने से रोकने के लिए अब यह लोग इस प्रकार का प्रचार कर रहे हैं। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला यदि चुनाव लड़ते हैं तो वह चुनाव ही नहीं लडेंगे। उनके मुकाबले में तो किसी को भी चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।

आदित्य चौटाला पर किया कटाक्ष

दिग्विजय चौटाला ने अपने चाचा आदित्य चौटाला पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चाचा आदित्य चौटाला द्वारा 8 तारीख की मीटिंग तो एक बहाना है। उन्होंने इशारा किया कि वह इनेलो ज्वाइन करेंगे। उधर, भाजपा से नाराज चल रहे आदित्य चौटाला ने अपने समर्थकों की बैठक बुला ली है। उन्होंने यह बैठक आठ सितंबर को बुलाई है। बैठक में समर्थकों की राय जानी जाएगी। उल्लेखनीय है कि भाजपा की पहली सूची में उनका नाम नहीं आया तो उन्होंने विरोध में मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब ऐसा लग रहा है कि उन्हें आभास हो गया है कि भाजपा ने उनसे किनारा कर लिया है।

इनेलो के साथ हाथ मिलाने की संभावना

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आदित्य देवीलाल अब नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसका ऐलान वह आठ सितंबर की बैठक में कर सकते हैं। संभावना है कि वह आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे या फिर अपने ताऊ चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो के साथ हाथ मिला सकते हैं। वैसे सूत्रों की माने तो दूसरे विकल्प की संभावना ज्यादा है। सभी प्रकार की संभावनाओं व समीकरणों के बीच इनेलो ने भी अभी तक डबवाली सीट को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि किसी खास उम्मीदवार को पटकनी देने के लिए डबवाली में इनेलो कोई बड़ा खेल ही खेलेगी।

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