मोरनी जंगल में लगी आग: पर्यटकों ने फेंकी जलती सिगरेट, वन‌ अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

Fire in Morni Forest
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
Fire in Morni Forest: पंचकूला में मोरनी जंगल में पर्यटकों की लापरवाही की वजह से आग लग गई। इस मामले में वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 

Fire in Morni Forest: पंचकूला के मोरनी संरक्षित वन क्षेत्र में बीते दिनों रविवार को अचानक आग लग गई थी। पर्यटकों के एक समूह की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि आग तेजी से सूखी चीड़ की पत्तियों में फैल गई, जिससे दूर से ही ऊंची लपटें दिखाई देने लगीं थीं। अब वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने का निर्णय लिया है।

सूखी पत्तियों में फेंकी जलती सिगरेट

जानकारी के अनुसार, रविवार को चार युवक दो पुरुष और दो महिलाएं, पंजाब के नंबर वाली एक कार में आरक्षित वन क्षेत्र में घुसे थे। उनमें से एक ने कथित तौर पर सूखी चीड़ की पत्तियों में जलती हुई सिगरेट फेंक दी, जिससे आग लग गई थीं, जिससे जंगल धू धू कर जलने लगा। जब वन कर्मचारियों ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया, तो आरोपियों ने कथित तौर पर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और घटनास्थल से भागने से पहले हाथापाई की। हालांकि, उनकी गाड़ी को बेरवाला चेकपोस्ट पर रोक लिया गया और पुलिस को सौंप दिया गया।

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने क्या बताया ?

सेक्टर 5 अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें रविवार शाम 6 बजे के करीब सूचना मिली और उन्होंने तुरंत एक दमकल गाड़ी भेजी। इसके अलावा, वन विभाग और अलीपुर बरवाला के एक दमकल स्टेशन से भी आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियां भेजी गईं। स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त वनकर्मी भी तैनात किए गए हैं। मोरनी के देवदार के जंगलों में गर्मी की शुरुआत में अक्सर आग लग जाती है। पिछले साल ही मई और जून के महीनों में तीन से चार आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं, जब गर्मी अपने चरम पर थी।

आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज हुआ केस

पुलिस ने पहले ही दो लोगों पर मामला दर्ज कर लिया था। सौरभ और प्रभजीत पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 326 (एफ) (किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आग या विस्फोटक का उपयोग करना), 221 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना), 351 (2) (आपराधिक धमकी) और 132 (सार्वजनिक सेवा के खिलाफ आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि उन्हें पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है।

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आरोपियों के खिलाफ लगेगा जुर्माना

जिला वन अधिकारी (डीएफओ) विशाल कौशिक ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनका कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। हालांकि, प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि यह ज़मीन पर लगी आग थी। उन्होंने आगे बताया कि अगर पर्यटक वन अधिनियम के तहत दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है, और जल्द ही रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

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