साबी बैराज में हजारों मछलियों की मौत: एसटीपी से दूषित पानी छोड़े जाने की आशंका, संयुक्त टीम ने लिए पानी के सैंपल

Dead fish in Sabi Barrage.
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साबी बैराज में मरी हुई मछलियां। 
रेवाड़ी में साबी नदी बैराज में हजारों की संख्या में मछलियों की मौत से बीमारियां फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई। एसटीपी से दूषित पानी छोड़ने के कारण मछलियां मर रही है।

Rewari: साबी नदी बैराज में हजारों की संख्या में मछलियों की मौत होने से आसपास के एरिया में बीमारियां फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई। आशंका जताई जा रही है कि एसटीपी से दूषित पानी छोड़े जाने के कारण बड़ी संख्या में मछलियां मर रही हैं। शिकायत के बाद अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर पानी के सैंपल लिए। सैंपल की रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

बैराज में मरी मछलियां पानी में तैर रही

बैराज में पिछले कुछ दिनों से मछलियां मर रही हैं। हजारों की संख्या में मछलियां मरकर पानी पर तैर रही हैं। इससे आसपास के एरिया में बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। समाजसेवी प्रकाश खरखड़ा ने एक दिन पूर्व ही प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र व सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सतबीर कादियान सहित कई अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले में उचित कदम उठाने की मांग की थी। इसके बाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी हरीश कुमार ने भी सिंचाई विभाग के एक्सईएन जयप्रकाश को पत्र लिखकर पानी की जांच कराने के निर्देश दिए थे। शुक्रवार को सिंचाई व पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों की टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया। इसके बाद पानी के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए लैब भेज दिया गया।

सिंचाई विभाग छोड़ता है पानी

साबी नदी बैराज में सिंचाई विभाग सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों के ट्रीट किए हुए पानी को छोड़ता है। कई बार एसटीपी में तकनीक खराबी के कारण दूषित पानी भी छोड़ दिया जाता है। बैराज में बड़ी संख्या में मछलियां मरने से यह माना जा रहा है कि दूषित पानी के कारण मछलियों की मौत हुई है। दोनों विभागों की टीमों ने शुक्रवार को पानी के सैंपल लेकर उन्हें लैब भेजा गया है। प्रकाश खरखड़ा की ओर से एनजीटी कोर्ट में भी दूषित पानी को लेकर केस डाला हुआ है, जिस पर 31 जुलाई को सुनवाई होनी है।

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