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हरियाणा के राखीगढ़ी में हो रही खुदाई के दौरान अनेक चौंकाने वाले रहस्य सामने आ रहे हैं। यह टीला उस सभ्यता के वीआईपी लोगों का आवासीय परिसर रहा होगा। पहली बार टीलें के बाहरी तरफ करीब चार मीटर चौड़ी कच्ची ईटों की दीवार मिली है। यह दीवार वहां पर रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए बनाई गई होगी।

Narnaund: राखीगढ़ी में हो रही खुदाई के दौरान अनेक चौंकाने वाले रहस्य सामने आ रहे हैं। टीलें तीन पर खुदाई के दौरान अलग-अलग कच्ची ईंटों के मकान मिल चुके हैं। यह टीला उस सभ्यता के वीआईपी लोगों का आवासीय परिसर रहा होगा। पहली बार टीलें के बाहरी तरफ करीब चार मीटर चौड़ी कच्ची ईटों की दीवार मिली है। यह दीवार वहां पर रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए बनाई गई होगी। ताकि कोई बाहरी लोग यहां पर प्रवेश न कर सके। अभी तक इस दीवार की ऊपरी सतह की खुदाई का काम शुरू है। यह दीवार कितनी गहरी और लंबी है, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। यह दीवार कितनी पुरानी है, इसकी कार्बन डेटिंग करवाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।

वीआईपी लोगों के रहने की लग चुकी है मोहर

राखीगढ़ी के टीला नंबर तीन पर इस बात की मोहर लग गई है कि यह टीला उस समय के वीआईपी लोगों के रहने का आवासीय क्षेत्र होता था। हाल ही में टीलें के बाहरी तरफ पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने खुदाई करने की योजना बनाई तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। जैसे ही ट्रेंच बनाकर खुदाई शुरू की गई तो कच्ची ईटों की एक दीवार मिली। जब खुदाई को ओर आगे बढ़ाया गया तो यह दीवार करीब चार मीटर चौड़ी पाई गई। यह कितनी ऊंची और गहरी है, इस पर अभी काम करना बाकी है। किलेनुमा चौड़ी दीवार उन लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए बनाई होगी। इस दीवार में प्रयोग की गई कच्ची ईंटें घरों में लगी ईटों से बड़े साइज की हैं।

पिछले वर्ष खुदाई में मिले थे कच्ची ईंटों के आवास

पिछले वर्ष खुदाई के दौरान इस टीलें पर कच्ची ईटों के आवास मिले थे। कुछ ही दूरी पर पक्की ईटों की दीवार के साथ एक मकान व ड्रेनेज सिस्टम के लिए पक्की नालियां मिली थी। अलग-अलग सीजन की खुदाई के दौरान इस टीले पर मकान मिलने का सिलसिला जारी है। अब इस बात पर मोहर लग गई कि यह टीला उस समय का वीआईपी कल्चर के लोगों का आवासीय परिसर रहा होगा, क्योंकि इस टीले पर सभी सुविधा युक्त साधन मिल चुके हैं। मकान के पास ही पीने के पानी का कुआं भी मिला है। कुएं से पानी भी ड्रेनेज सिस्टम के तहत मकान में भेजने की सुविधा भी उन लोगों ने की हुई थी।

उन्नत नगरीय सभ्यता थी : डॉ. मंजुल

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली के अपर महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल ने कहा कि टीला नंबर तीन आवासीय परिसर के रूप में उस सभ्यता के लोगों ने स्थापित किया हुआ था। यह चौड़ी दीवार मिलने से यह भी साबित हो गया कि वह लोग सुरक्षा के प्रति भी सजग रहते थे, ताकि कोई भारी व्यक्ति उन पर हमला या लूट की घटना को अंजाम न दे सके। यह सभ्यता उन्नत नगरीय सभ्यता थी।

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